चिंता करिए जनाब! इस साल 6 माह में 87 हजार लोगों ने छोड़ दी भारत की नागरिकता

जानकारी के अनुसार साल 2023 के इन छह महीनों में ही 87 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों में जा बसे हैं।

News Aroma Media

नई दिल्ली : ‎पिछले पांच सालों में लगभग आठ लाख लोगों ने भारतीय नाग‎रिकता ( Indian Citizenship) छोड़ दी है और चीन तथा पा‎‎किस्तान (Pakistan) स‎हित अन्य देशों में जा बसे हैं। जानकारी के अनुसार साल 2023 के इन छह महीनों में ही 87 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों में जा बसे हैं।

बीते पांच साल के आंकड़े देखें तो बड़ी चिंता होती हैं, इन पांच सालों में जिसके दौरान 8 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत छोड़ने का फैसला कर लिया। इधर सरकार का कहना है कि ये लोग निजी कारणों के चलते देश की नागरिकता छोड़ रहे हैं।

बीते पांच सालों में,

सवाल है कि आखिर क्यों इतनी बड़ी संख्या में देशवासी भारत छोड़ रहे हैं और कहां नया ठिकाना बना रहे हैं। इसका जवाब ‎किसी के पास नहीं है। यह मामला राज्यसभा में भी उठाया गया। जहां सांसद संदीप कुमार पाठक की ओर से चार सवाल पूछे गए।

पहला, बीते पांच सालों में भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले और अन्य देशों की नागरिकता लेने वाले लोगों की संख्या व देशों की सूची। दूसरा, कारोबारी की संख्या।

तीसरा, सरकार ने इस बात पर कोई अध्ययन ‎किया ‎कि देश क्यों छोड़ रहे हैं और अगर हां तो मुख्य वजहें क्या हैं। चौथा, नागरिकता छोड़ने वाले लोगों के पेशे का लेखा जोखा देना शा‎मिल था।

भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं

सरकार की तरफ से राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने जानकारी दी कि इस साल जून 2023 तक यानी महज 6 महीनों में ही 87 हजार 26 लोग भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं।

उन्होंने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 2018 में (1 लाख 34 हजार 561), 2019 में (1 लाख 44 हजार 17), 2020 में (85 हजार 256), 2021 में (1 लाख 63 हजार 370), 2022 में (2 लाख 25 हजार 620) लोग भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं।

उन्होंने बताया कि 2011 में (1 लाख 22 हजार 819), 2012 में (1 लाख 20 हजार 923), 2013 में (1 लाख 31 हजार 405), 2014 में (1 लाख 29 हजार 328), 2015 में (1 लाख 31 हजार 489), 2016 में (1 लाख 41 हजार 603) और 2017 में (1 लाख 33 हजार 49) लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी।

लोगों की पहली पसंद और ठिकाना संयुक्त राष्ट्र अमेरिका

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके कई कारण सामने आए हैं। उनका मानना है कि करियर, जीवन की गुणवत्ता, शिक्षा के बेहतर मौके, बेहतर स्वास्थ्य सेवा, साफ हवा जैसे कई कारण हो सकते हैं। इसके अलावा अन्य कई देशों की तरह भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है।

ऐसे में विदेशी नागरिकता हासिल करने वाले भारतीयों को औपचारिक रूप से भारत की नागरिकता छोड़नी पड़ती है। हालांकि, इसके अलावा भी कई वजह गिनाई जाती हैं। भारत छोड़ने के बाद लोगों की पहली पसंद और ठिकाना संयुक्त राष्ट्र अमेरिका बनता नजर आ रहा है।

इसके बाद कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इटली, न्यूजीलैंड, जर्मनी, सिंगापुर, नीदरलैंड्स और स्वीडन में इन पांच सालों में सबसे ज्यादा भारतीयों की एंट्री दर्ज की गई है। सरकार ने राज्यसभा में इससे जुड़े आंकड़े भी पेश किए हैं।