कानपुर: सबका साथ सबका विकास एजेंडे पर काम कर रही योगी सरकार ने एकबार फिर अपना वादा निभाया है।
इसकी नजीर कानपुर में गुरुवार देर रात उस वक्त देखने को मिली जब हलीम प्राइमरी मरकज में तकरीबन एक साल से रह रहे आठ विदेशियों की घर वापसी हुई है।
जो आठ विदेशी अपने वतन को लौट रहे हैं, उनमे चार अफगानिस्तान, तीन ईरान और एक इंग्लैंड के रहने वाले हैं।
यह सभी 26 फरवरी को भारत आए थे। वह दिल्ली मरकज़ हज़रत निज़ामुद्दीन होते हुए कानपुर के बाबूपुरवा में ठहरे हुए थे। इसी दौरान वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरे भारत में पूर्णबन्दी (लाकडाऊन) लग गया।
पुलिस ने धारा 188 के तहत इन विदेशियों पर कार्रवाई करते हुए शहर के चौबेपुर व कल्याणपुर की अस्थाई जेल में भेज दिया गया था।
45 दिनों तक वहां रहने के बाद हलीम प्राइमरी मरकज ने कानूनी प्रक्रिया को पूरी करते हुए इन्हें वहां से छुड़ाया।
इसके बाद ये सभी हलीम मरकज में ही रह रहे थे।
एक साल से कानपुर के लोग अतिथि देवो भव: की तर्ज पर इनकी सेवा कर रहे थे।
इनके खाने से लेकर दवा तक का पूरा इंतजाम किया जा रहा था।
योगी सरकार द्वारा किए गए वादे के चलते आज इन सभी की घर वापसी हुई है।
इन सभी विदेशियों को कार से दिल्ली एयरपोर्ट तक छोड़ा जा रहा है।
इनके साथ कानपुर का एक-एक व्यक्ति मौजूद हैं, जो रास्ते में आने वाली समस्याओं को समझ कर इसका निस्तारण कर सके।
आंखों में आंसू लेकर रवाना हुए विदेशी
घर वापसी को लेकर इन विदेशियों चेहरे पर खुशी थी तो कहीं आंखों में आंसू भी थे। गले लगाकर इन विदेशियों ने लोगों का आभार प्रकट किया।
वाकई में भारत महान है
वतन वापसी कर रहे इन आठ विदेशियों ने कार में बैठते वक्त हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में कहा कि कानपुर के वासियों से जो प्रेम मिला है वह शायद उनके घर में भी नहीं मिला होगा।
अफगानिस्तान के रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग जान मोहम्मद ने कानपुर वासियों के इस प्रेम को देखकर आखिरकार कह दिया कि वाकई में भारत देश महान है।
भारत में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान अपने मेहमानों का आदर सम्मान करना कभी नहीं भूलता।
इंग्लैंड के रहने वाले अय्यूब खान ने कहा कि आज वह कानपुर से जा रहे हैं, लेकिन यहां के लोगों की साथ बिताए हर एक पल को हमेशा याद रखेंगे।
ये विदेशी नागरिक चलते-चलते आखिरी में यह कह गए कि योगी सरकार और कानपुर का प्रशासन तारीफ के काबिल है।