Jharkhand High Court News : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने रांची शहर में सीवरेज एवं ड्रेनेज परियोजना (Sewerage and Drainage Project) को पूरा करने का आग्रह करने वाली अरविंदर सिंह देओल की जनहित याचिका की शुक्रवार काे सुनवाई की।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक पूछा है कि HEC क्षेत्र में बने रहे स्मार्ट सिटी (Smart City) के अंदर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रोविजन किया गया है या नहीं?
स्मार्ट सिटी के नक्शा पास किए जाने के दौरान इसके अंदर ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था रखी गई है या नहीं। कोर्ट ने मौखिक कहा स्मार्ट सिटी की गंदगी आप बाहर नहीं फेंक सकते।
इससे पहले राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया कि
इससे पहले राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार को रांची में सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना के फेज टू, थ्री और फोर का काम करना है।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रांची जिला प्रशासन ने सात जगह पर जमीन चिह्नित किए हैं। इसमें से तीन चिह्नित जगह की जमीन HEC क्षेत्र में आती हैं जबकि चार चिह्नित जमीन राज्य सरकार के अंतर्गत आती है।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एक चिह्नित जमीन स्मार्ट सिटी के बगल में है, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए मौखिक कहा कि स्मार्ट सिटी के अंदर खुद की सीवरेज एवं ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था होनी चाहिए।
उसकी गंदगी बाहर क्यों फेंका जाएगा? राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के जमीन के लिए एचईसी से नगर विकास विभाग को पत्र लिखा है लेकिन एचईसी का अब तक जवाब नहीं आया है।
कोर्ट ने HEC के CMD को नोटिस जारी कर पूछा है कि वह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रांची जिला प्रशासन द्वारा एचईसी क्षेत्र में चिह्नित किए गए तीन जमीन को देने पर अपना क्या विचार रखती है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए चिह्नित चार जमीन के बारे में जवाब मांगा है। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि HEC इलाके में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 15-15 एकड़ जमीन की जरूरत होगी।