गोड्डा: जिला जज प्रथम जनार्दन सिंह के न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने एवं दहेज के लिए प्रताड़ित करने (Rape and Torture For Dowry) के आरोप में महागामा थाना क्षेत्र के जटामा निवासी मो.तबरेज (Mohd. Tabrez) को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
साथ ही एक लाख रूपये जुर्माने की भी सजा सुनाई गई। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दो वर्ष अतिरिक्त सश्रम करावास की सजा काटनी होगी।
वहीं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम (Child Marriage Prohibition Act) के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व 25 हजार रूपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई। जुर्माने की राशि नहीं भरने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। दोनों ही सजा साथ-साथ चलेगी।
नाबालिग के साथ अक्सर बनाता था शारीरिक संबंध
विचारण के दौरान प्रभारी लोक अभियोजक लुकाश हेम्ब्रम ने न्यायालय के समक्ष दस गवाहों का परीक्षण कराया। उन्होंने बताया कि महागामा थाना में 12 जनवरी 21 को दर्ज प्राथमिकी में 14 वर्षीया पीड़िता ने कहा है कि जटामा निवासी मो. तबरेज उसके घर आता-जाता था। और इस दौरान वह उसके साथ बराबर शारीरिक संबंध (Physical Relationship) बनाने का दबाव देता था। मना करने पर जान मारने की धमकी देता रहता था।
इसी प्रकार वह उसके साथ जबरन दुष्कर्म (Rape) करता था। इसकी जानकारी जब उसके माता-पिता को हुई तो तबरेज ने गलती स्वीकारते हुए माफी मांगी और शादी करने का प्रस्ताव दिया।
मुस्लिम रीति रिवाज से हुई दोनों की शादी
05 जुलाई 20 को मुस्लिम रीति रिवाज के साथ उसके साथ निकाह (Nikah) हुआ। इसके बाद उसे मायके में ही छोड़ दिया।
कुछ दिन बाद जब वह ससुराल गई तो लड़के के मां-पिताजी ने रखने से इंकार किया और 10 लाख रूपये की मांग करते हुए उसे वहां से भगा दिया। लड़का ने भी मां-पिताजी का समर्थन करते हुए साथ मिलकर उसे जबरने ससुराल से भगा दिया।
इसके बाद थाना में पति, ससुर, सास व देवर के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। उभय पक्षों की दलील सुनने के उपरांत न्यायालय ने आरोप को सही करार देते हुए पति मो. तबरेज आलम (Mo. Tabrez Alam) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।