इस्लामाबाद: पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने व्यापक विचार-विमर्श के बाद सरकार चलाना जारी रखने का फैसला किया है। उन्होंने राजनीतिक दबाव और आर्थिक संकट के बीच नेशनल असेंबली को भंग करने से इनकार कर दिया है।
समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह सत्तारूढ़ गठबंधन दलों के प्रमुखों के शीर्ष नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है।
शरीफ का बयान पीटीआई प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बुधवार से इस्लामाबाद में हकीकी आजादी मार्च की घोषणा के एक दिन बाद आया है। पीटीआई का मानना है कि मौजूदा शासन अमेरिका ने एक साजिश के तहत स्थापित किया है। पार्टी नेशनल असेंबली को भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग कर रही है।
कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार संसद भंग कर देगी और पीटीआई के लंबे मार्च से पहले नए सिरे से चुनाव कराएगी। हालांकि, पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसा न करने का फैसला किया है। एक बयान में कहा गया है कि सरकार अगस्त, 2023 तक अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इमरान खान की किसी भी असंवैधानिक मांग को नहीं मानने का भी फैसला लिया है
समा टीवी ने बताया कि पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज शरीफ ने आर्थिक और राजनीतिक दबाव के बावजूद सरकार में बने रहने के फैसले का समर्थन किया है। पीएमएल-एन सुप्रीमो ने एक अहम शख्सियत को भी इस फैसले के बारे में बता दिया है।
पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार ने पीटीआई के लंबे मार्च का सख्ती से मुकाबला करने का फैसला किया है। कहा गया है कि यदि मार्च करने वाले गैरकानूनी गतिविधि का सहारा लेते हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहा गया है कि कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करने वालों को गिरफ्तार करने का फैसला लिया गया है।
इसके साथ ही सरकार ने इमरान खान की किसी भी असंवैधानिक मांग को नहीं मानने का भी फैसला लिया है।