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वायु सेना देश की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम’ के अधिग्रहण को तैयार

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नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल (Indigenous Anti Radiation Missile) रुद्रम (Rudram) को अपने हथियारों के खजाने में शामिल करने के लिए तैयार है।

वायु सेना (Air Force) ने इस बाबत केंद्र सरकार को 1400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। उन्नत मिसाइलों (Missiles) के अधिग्रहण प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की उच्च स्तरीय समिति जल्द ही विचार करेगी।

इस मिसाइल को DRDO ने विकसित किया है, जिसका लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म के रूप में लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई के साथ पहले ही परीक्षण किया जा चुका है।

यु सेना ने सरकार को 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव भेजा

चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा पर तनाव को देखते हुए भारतीय वायुसेना भी अपनी ताकत में इजाफा कर रही है।

इसी क्रम में भारतीय वायु सेना ‘मेक इन इंडिया’ (Make In India) पहल के तहत विकसित की गई देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम को अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है। इस बाबत वायु सेना ने सरकार को 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव भेजा है।

वायु सेना ने इस मिसाइल का परीक्षण लड़ाकू विमान सुखोई-30 MKI के साथ लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म (Launching Platform) के रूप में किया है।

इसे सुखोई-30 और मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है। इसे राडार सिस्टम (RADAR System) को ट्रैक करने की क्षमता के साथ विकसित किया गया है। राडार सिस्टम के काम न करने पर भी यह मिसाइल बेहद सटीकता के साथ हमला कर सकती है।

युद्ध के दौरान दुश्मन के रडार स्थानों को नष्ट कर सकती है

रक्षा अधिकारियों ने इस प्रस्ताव के बारे में बताया कि स्वदेशी उन्नत मिसाइलों के अधिग्रहण का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास है। जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक में इस पर विचार किया जाएगा।

अगली पीढ़ी की विकिरण रोधी मिसाइल युद्ध के दौरान दुश्मन के रडार स्थानों को नष्ट कर सकती है। भारत (India) में बनाई गई ये अपनी तरह की पहली मिसाइल है, जिसे किसी भी ऊंचाई से दागा जा सकता है।

मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल (Signal) और रेडिएशन (Radiation) को पकड़ने में सक्षम है। साथ ही अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है।

इसकी गति दो मैक या ध्वनि की गति से दोगुनी है। इसमें लगा पैसिव होमिंग हेड एक विस्तृत बैंड पर लक्ष्य का पता लगाने, वर्गीकृत करने और लक्ष्य को इंगेज करने (उलझाने) में सक्षम है।

किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ने में सक्षम

DRDO ने एक बयान में कहा है कि देश ने दुश्मन के राडार, संचार साइटों (communication sites) और अन्य लक्ष्यों को बेअसर करने के लिए लंबी दूरी की हवा से प्रक्षेपित एंटी-रेडिएशन मिसाइल विकसित करने की स्वदेशी क्षमता हासिल कर ली है।

इससे भारतीय वायु सेना को लड़ाकू विमानों के लिए सामरिक क्षमता मिलेगी। यह मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ने में सक्षम है।

इसका इस्तेमाल ऊंचाई से लॉन्च करके दुश्मन के निगरानी रडार, ट्रैकिंग और संचार प्रणालियों को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है।

मिसाइल का निर्माण भारत डायनामिक्स लिमिटेड (Bharat Dynamics Limited) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Bharat Electronics Limited) संयुक्त रूप से करेंगे।

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