हाथरस: उत्तर प्रदेश की एक स्थानीय अदालत ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) को गुरुवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जुबैर को उनके खिलाफ धारा 153ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से) भारतीय दंड संहिता की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) की सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की (किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से बोलना, शब्द आदि) के तहत दर्ज मामले में अदालत में पेश किया गया था।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) हाथरस की अदालत ने हाल ही में तथ्य-जांचकर्ता के खिलाफ बी वारंट जारी किया था।
उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और हाथरस में जुबैर के खिलाफ दर्ज छह मामलों की जांच के लिए आईजी डॉ प्रीतिंदर सिंह की अध्यक्षता में दो सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
दिल्ली की एक अदालत आज जुबैर द्वारा एक हिंदू देवता के खिलाफ 2018 में पोस्ट किए गए आपत्तिजनक ट्वीट से संबंधित एक मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।
घृणा फैलाने वाले कहा था तीन हिंदू संतों को
मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला (Judge Devendra Kumar Jangla) ने मामले में विस्तृत बहस के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा समय मांगे जाने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में सीतापुर जिले में जुबैर के खिलाफ दर्ज एक मामले में जुबैर की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी थी।
प्राथमिकी 1 जून को हिंदू शेर सेना के जिला अध्यक्ष भगवान शरण द्वारा जुबैर के एक ट्वीट के लिए दायर की गई शिकायत पर दर्ज की गई थी जिसमें उन्होंने तीन हिंदू संतों- यति नरसिंहानंद सरस्वती, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को घृणा फैलाने (To Spread Hatred) वाले कहा था।