रांची : हिंदू पंचांग के चौथे महीना आषाढ़ शुरू हो चुका है। यह महीना भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आराधना का विशेष महीना माना जाता।
इस माह में आने वाले दिनों में शक्ति की उपासना का नौ दिवसीय पर्व गुप्त नवरात्र, श्रीहरि विष्णु के योग निद्रा पर जाने का व्रत देवशयनी एकादशी और गुरु पूजन का पर्व गुरु पूर्णिमा आएंगे।
इसके साथ ही भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की रत्रयात्रा भी निकाली जाएगी। सावन महीना का भी हिंदू धर्म में है विशेष महत्व हिंदू धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व माना जाता है।
हिंदू कैलेंडर के पांचवें महीने को सावन कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, श्रावण मास में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने वालों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
सावन का महीना इस साल 14 जुलाई से 12 अगस्त तक रहेगा। भगवान शिव के भक्तों को इस महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है।
पंडित रामदेव पांडेय (Ramdev Pandey) के अनुसार, आषाढ़ माह के स्वामी भगवान विष्णु है। इस माह में किए गए व्रत-उपवास से बीमारियां दूर होती हैं।
आषाढ़ माह 13 जुलाई तक रहेगा। उसके बाद शिव आराधना के सावन माह (Sawan month) की शुरुआत होगी।
सावन की सोमवारी से विवाह संबंधी दोष दूर होता है
आचार्य पंडित प्रणव मिश्रा के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। इस महीने भगवान शिव की पूजा और उनका अभिषेक करने से पुण्य मिलता है।
इस माह में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। विवाह संबंधी कोई परेशानी आने पर सोमवार का व्रत और पूजा करने से लाभ मिलता है।
जगन्नाथ रथयात्रा एक जुलाई को
आषाढ़ माह (ashadh month) की कृष्ण पक्ष की एकादशी करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन के बराबर पुण्य मिलता है। 29 जून को हलहारिणी अमावस्या है।
इस दिन स्नान-दान के साथ पितरों का श्राद्ध किया जाता है। 30 जून से गुप्त नवरात्र (Navratri) शुरू होगा। एक जुलाई को रथयात्रा, 3 को विनायकी चतुर्थी, 10 को देवशयनी एकादशी व 13 को गुुरु पूर्णिमा होगी।
डोरंडा के श्री शिव महावीर मंदिर के पुजारी आशुतोष मिश्रा का कहना है कि इस बार पहली सोमवारी 18 जुलाई को, दूसरी 25, तीसरी 1 अगस्त और चौथी 8 अगस्त को है। हर सोमवार में बेलपत्र से विशेष पूजा होती है।
रांची पहाड़ी मंदिर (Ranchi Pahari Temple) के पुजारी मनोज मिश्रा का कहना है कि सावन में रोज सूर्योदय से पहले उठें और स्नान के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर देवों के देव महादेव के व्रत का संकल्प लेना चाहिए।