Export of White Basmati Rice : भारत सरकार (Indian Government) का चावल के निर्यात (Rice Export) को लेकर बड़ा फैसला आया है। बता दें कि सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल (Non-Basmati White Rice) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इसका एक कारण घरेलू बाज़ारों में इसकी कीमत का बढ़ना भी है। दुनियाभर के चावल का 40% निर्यात करने वाले भारत है। और इस प्रतिबंध की खबर के आने से अनाज बाजारों में हलचल शुरू हो गई है।
दाम में बढ़ोतरी के कारन लिया गया फैसला
यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया गया है, जब पिछले एक साल में चावल की खुदरा कीमत में 11।5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। पिछले एक महीने में चावल की खुदरा कीमतें 3 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से कीमतें नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मंडी (Grain market) नया बाजार में इस फैसले का असर भी दिखना शुरू हो गया है।
भारत में चावल के दाम कम होने के असर
आसार है कि बासमती चावल के Export पर प्रतिबंध से भारत के अनाज मंडियों में गैर-बासमती चावल (Non-Basmati Rice) की उपलब्धता धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी। इससे आने वाले दिनों में गैर-बासमती चावल की कीमतों में और नरमी आने की उम्मीद है।
गेहूं बाजार में भी उथल-पुथल
उधर, रूस द्वारा यूक्रेन के अनाज इंफ्रास्ट्रक्चर (Grain Infrastructure) पर हवाई हमले और यूक्रेन से गेहूं के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए ‘ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव’ से बाहर आने के बाद अंतराष्ट्रीय गेहूं बाजार में उथल-पुथल तेज हो गई है।
यूक्रेन दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं एक्सपोर्ट (Wheat Export) करने वाले देशों में है। ऐसे में वहां से गेहूं की सप्लाई बाधित होने से अंतराष्ट्रीय गेहूं बाजार में गेहूं की कीमतों पिछले तीन दिनों में 4% से 11% तक बढ़ गयी हैं।