रांची : झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय द्विवेदी (Justice Sanjay Dwivedi) की कोर्ट में शुक्रवार को हजारीबाग के बहुचर्चित ढेंगा गोलीकांड मामले की सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता मंटू सोनी की तरफ से अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने कोर्ट में पक्ष रखा। सरकार की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि इस मामले की जांच का जिम्मा CID को दी गयी है।
मंटू सोनी के द्वारा रिट संख्या 127/2021 दाखिल की गई थी। प्रार्थी के मुताबिक पुलिस ने इन्हें गोली मारी थी।
इसके बाद उन्होंने पुलिसकर्मियों (policemen) के ख़िलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया, लेकिन उनकी प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई। उल्टे उनके ऊपर ही केस दर्ज कर दिया।
उक्त घटना में मंटू सोनी व अन्य हुए थे घायल
पुलिस केस से लेकर कोर्ट में दिए चार्जशीट तक पुलिस ने मंटू सोनी के घायल होने और उसके बयान का जिक्र तक नहीं किया है।
विधानसभा (Assembly) में पूछे गए एक सवाल के जवाब में भी पुलिस ने मंटू सोनी के घायल होने से इनकार कर दिया था।
बाद में एक अन्य सवाल में पुलिस ने विधानसभा में स्वीकार किया था कि उक्त घटना में मंटू सोनी व अन्य घायल हुए थे।
विधानसभा में सरकार के द्वारा विरोधाभासी जवाब पर पुलिस ने हाइ कोर्ट में कोई जवाब नहीं दिया।
मंटू सोनी द्वारा जेल से लिखे पत्र के आधार पर निचली अदालत द्वारा पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश देने के एक साल बाद बड़कागांव कांड (Barkagaon scandal) संख्या 214/16 दर्ज किए जाने के आरोप पर भी पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया है।