नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को यहां की विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को नौ जून तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
सोमवार शाम को गिरफ्तार किए गए जैन को राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) की विशेष सीबीआई अदालत की न्यायाधीश गीतांजलि गोयल (Geetanjali Goyal) के समक्ष पेश किया गया।
सुनवाई के दौरान, जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने जमानत के लिए जोरदार दलील दी, जिसमें कहा गया कि जैन जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे हैं और हाल ही में पेश प्रस्तुति (सबमिशन) 2017 में दर्ज आरोप पत्र का पुनरुत्पादन (रिप्रोडक्शन) है।
वकील ने दलील देते हुए कहा कि मामला पुलिस रिमांड पर लेने लायक नहीं है, क्योंकि जैन कहीं भागने वाले नहीं हैं और वह जांच के लिए उपलब्ध रहेंगे।
उन्होंने यह भी दलील दी कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पैसा हवाला से जुड़ा था।
उन्होंने दलील पेश करते हुए कहा, दो मौकों पर मेरे घर की तलाशी ली गई। मेरे बैंक खाते भी जब्त किए गए। पूरी सामग्री उनके पास है।
मुझे इन कंपनियों में एक सलाहकार के रूप में हिस्सा दिया गया है। मैं एक वास्तुकार था। कंपनी क्या करती है, उसे देखना मेरा काम नहीं है। यहां तक कि आज भी वही शेयर प्रतिशत है। जमीन उन कंपनियों के नाम ही है।
वहीं ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने 14 दिन की हिरासत की मांग की।
न्यायाधीश ने पूछा कि 14 दिन क्यों चाहिए? इस पर उन्होंने कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले के मनी ट्रेल लेनदेन की जटिल प्रकृति पर विचार कर रहे हैं।
धाराओं के तहत भी कार्रवाई अमल में ला रही
ईडी (ED) की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि काम करने का ढंग नकद में ही रहता है और इसे दिल्ली में अंजाम दिया जाता है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह काम कोलकाता में एंट्री ऑपरेशन के माध्यम से हवाला ऑपरेटरों के जरिए होता है। ईडी ने तर्क दिया कि वे एंट्री ऑपरेटर कंपनियों में इक्विटी के रूप में निवेश करते हैं।
एसजी ने दलील देते हुए कहा, यह एक बार का अपराध नहीं है। यह एक दोहराने वाली प्रकृति है, जो अभी भी चल रही है। वह हिरासत में पूछताछ के दौरान इस पर प्रकाश डालने में सक्षम हो सकते हैं।
ईडी ने इस साल अप्रैल में जैन के रिश्तेदारों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
ईडी ने हाल ही में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, स्वाति जैन, सुशीला जैन और इंदु जैन की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। तीनों महिलाएं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री की रिश्तेदार हैं।
ईडी ने जैन और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 109 के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) जांच शुरू की थी।
एजेंसी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत भी कार्रवाई अमल में ला रही है।