कोपेनहेगन: डेनमार्क और कनाडा (Denmark-Canada) के बीच आर्कटिक में बंजर और आबादी रहित चट्टानी (हैंस) द्वीप को लेकर 49 साल पुराना विवाद खत्म हो गया।
दोनों देश इस छोटे द्वीप को बांटने पर सहमत हो गए। समझौते के मुताबिक, इस 1.3 वर्ग किलोमीटर के हैंस द्वीप पर एक सीमा रेखा खींची जाएगी।
यह द्वीप डेनमार्क के अर्ध स्वायत्त क्षेत्र ग्रीनलैंड (Greenland) के उत्तर-पश्चिम तट और कनाडा के एलेस्मेयर द्वीप के बीच समुद्री मार्ग पर स्थित है। हैंस द्वीप पर खनिजों का कोई भंडार नहीं है।
डेनमार्क के विदेश मंत्री जेप्पे कोफोड ने कहा- ‘यह स्पष्ट संकेत है कि सीमा विवादों (Border disputes) को व्यवहारिक और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना संभव है जिसमें सभी पक्षों की जीत हो।’ उन्होंने कहा कि दुनिया में युद्ध और अशांति के बीच यह अहम संकेत है।
कनाडा और डेनमार्क 1973 में नारेस जलडमरूमध्य के माध्यम से ग्रीनलैंड और कनाडा के बीच एक सीमा बनाने के लिए सहमत हुए थे।मगर वे इस बात से सहमत नहीं थे कि हैंस द्वीप पर किस देश की संप्रभुता होगी।
बाद के वर्षों में इस विवाद को मीडिया (Media) ने ‘व्हिस्की युद्ध’ का उपनाम दिया गया। इस मुद्दे को कई बार उठाया गया। सहमति के मौके पर दोनों विदेश मंत्रियों ने व्हिस्की की बोतलों का आदान-प्रदान भी किया।