रांची: रांची के सदर थाना पुलिस (Police) ने फायरिंग मामले का खुलासा करते हुए पांच आरोपितों को गिरफ्तार (Arrest) किया है।
गिरफ्तार आरोपितों में राहुल गुंजन दत्ता उर्फ गुलची उर्फ माईकल जोरियन, चिराग टोप्पो उर्फ बाबु उर्फ जैकब, राजु महतो, अमित महतो और जितेन्द्र महतो शामिल है।
इनके पास से घटना में प्रयुक्त होंडा डियो स्कूटी, एक छह रिवाल्वर, दो गोली, घटना में इस्तेमाल किया गया मोबाइल और पांच Mobile बरामद किया है।
SSP किशोर कौशल ने शनिवार रात प्रेस कांफ्रेस (Press Conference) में बताया कि जितेन्द्र महतो ने पांच एकड़ जमीन के विवाद में सुनियोजित तरीके से स्वयं को दो अज्ञात शूटरों के माध्यम से अपने उपर गोली चलवाकर किसी अन्य व्यक्ति को फंसाने का उद्देश्य से घटना कराई गयी थी।
उन्होंने बताया कि बीते 29 अगस्त को सदर थाना क्षेत्र के जितेन्द्र महतो के लिखित आवेदन के आधार पर स्कूटी सवार दो अज्ञात अपराधी के खिलाफ जान मारने के नियत से गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी करने के आरोप में दर्ज कराया गया था।
SSP ने बताया कि मामले के अनुसंधान के क्रम में जितेन्द्र के बताये गये बयान संतोषजनक प्रतीत नहीं हो रहा था। साथ ही घटनास्थल के निरीक्षण एवं जितेन्द्र कुमार के घटना के समय पहने कपड़ा का अवलोकन के बाद घटना संदेहास्पद प्रतीत हो रहा था।
SSP ने बताया कि दोनों ने जितेन्द्र कुमार, राजू मंडल एवं अमित महतो का नाम बताया
इसके बाद अनुसंधान के क्रम में निर्देशन एवं मार्गदर्शन में पारंपरिक एवं वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान करने पर घटना में शामिल दो शूटर राहुल गुंजन दत्ता उर्फ गुलची उर्फ माइकल जोरियन और चिराग टोप्पो उर्फ बाबु की पहचान कर छापामारी कर DIG ग्राउण्ड टुनकी टोला के पास से गिरफ्तार (Arrest) किया गया।
SSP ने बताया कि दोनो ने अपने-अपने अपराध (Crime )को स्वीकार करते हुए मामले में अपनी संलिप्तता की बात स्वीकर की। SSP ने बताया कि दोनों ने जितेन्द्र कुमार, राजू मंडल एवं अमित महतो का नाम बताया।
दोनों ने Police को बताया कि लगभग आठ लाख मूल्य के नयी Car का लालच देकर स्वयं पर सुनियोजित हमला करावाया ।
SSP ने बताया कि घटना का मुख्य कारण चेशयर होम रोड स्थित S.K. Gas Agency के बगल में अवस्थित लगभग पांच एकड भूमि है, जिसे जितेन्द्र महतो की ओर से विक्री के लिए एकरारनामा किया गया था, परन्तु पैसा को लेन-देन को लेकर भूमि पर रह रहे गार्ड से जितेन्द्र के साथ विवाद हुआ था। इसके बाद जितेन्द्र ने सुनियोजित तरीके से षडयंत्र कर इस घटना को अंजाम दिया।