अहमदाबाद: कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा (BJP) में शामिल होने वाले हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने सोमवार को आरोप लगाया कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। यह दावा करने के कुछ मिनटों बाद उन्होंने अचानक अपना बयान वापस ले लिया।
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने दावा किया था कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं, लेकिन यह बयान देने के कुछ ही मिनटों बाद पीछे हट गए।
ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि वह यह कहने से क्यों कतरा रहे हैं कि समाज का एक वर्ग उनसे नाराज है और उनमें से कुछ ने उन्हें धमकी दी है।
हार्दिक ने सोमवार सुबह सबसे पहले आईएएनएस (IANS) से पुष्टि की थी कि उन्हें धमकियां मिली हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी, लेकिन अभी तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिली है। इसके कुछ ही मिनटों बाद उन्होंने मैसेज डिलीट कर दिए।
मिनटों बाद उन्होंने मैसेज डिलीट
जब आईएएनएस ने उनसे मैसेज डिलीट करने का कारण पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।समाज के एक वर्ग के साथ-साथ पाटीदार समुदाय के बारे में कहा जाता है कि वे दो कारणों से हार्दिक पटेल से नाराज हैं।
पहला कारण- वह भाजपा में क्यों शामिल हुए जब सत्ताधारी दल ने अभी तक पाटीदारों के खिलाफ सभी मामलों को वापस नहीं लिया है और परिवार आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 14 युवाओं के सदस्यों को अभी तक सरकारी नौकरी नहीं दी है।
दूसरा कारण- भाजपा में शामिल होने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पाटीदार प्रदर्शनकारियों को असामाजिक तत्व करार दिया था।
जिस दिन वह पार्टी में शामिल होने के लिए भाजपा कार्यालय गए थे, उसी दिन से उत्तरी गुजरात में पाटीदारों के एक वर्ग ने होडिर्ंग पर उनकी तस्वीरों और नामों पर कालिख पोतना शुरू कर दिया था।
पुलिस ने पटेल पर काली स्याही फेंकने वाले दो लोगों को हिरासत में लिया था। पाटीदार युवा सोशल मीडिया (Social media) पर हार्दिक पटेल के बीजेपी में शामिल होने के फैसले की आलोचना कर रहे हैं।
इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक एनडी चौहान ने कहा कि अब तक विरमगाम पुलिस को हार्दिक पटेल की ओर से धमकियों के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है।