रांची: मानव तस्करी (Human Trafficking) की शिकार झारखंड के खूंटी जिले की सात बच्चियों एवं गिरिडीह जिले की तीन बच्चियों को दिल्ली में मुक्त कराया गया है।
गिरिडीह जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्बम एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अहमद अली ने पहल करते हुए दिल्ली में रेस्क्यू कर गिरिडीह के तीन बच्चियों को एवं खूटी के सात बच्चियों को दिल्ली से स्कॉट किया।
शुक्रवार को सभी बच्चियां राजधानी से वापस रांची जा रही हैं। इन बच्चियों को समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) की संचालित योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि यह सभी बच्चियां पुनः मानव तस्करी का शिकार न बनने पाए।
दलालों के माध्यम से पलायन
दिल्ली में मुक्त कराई गई बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था। झारखंड में में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर दिल्ली में अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं।
इससे उन्हें एक मोटी रकम प्राप्त होती है। इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है
माता-पिता भी हैं जिम्मेदार
दलालों के चंगुल में बच्चियों को भेजने में उनके माता-पिता की भी अहम भूमिका होती है। कई बार ऐसा देखा गया है कि बच्चियां अपने माता पिता अपने रिश्तेदारों के सहमति से ही दलालों (Brokers) के चंगुल में आती है