झारखंड

चारा घोटाले में लालू प्रसाद को सलाखों के पीछे भेजने वाले जज साहब ने 9 साल छोटी वकील से रचाई शादी

गोड्डा: कहते हैं न कि प्यार (Love) करने और होने की कोई उम्र नहीं होती। ये मरते दम तक किसी को भी किसी से हो सकती है।

इसमें कुछ इंसान इसका खुलकर इजहार कर देते हैं तो कुछ अपने दिन में दबाए रखते हैं। ऐसा ही एक मामला Godda जिले से सामने आया है। हैरानी की बात है कि इसमें प्रेमी जोड़ा कोई आम नहीं बल्कि खास है।

यह रोचक प्रेम कहानी यहां के एक वकील और जज की है। दोनों का प्रेम जब परवान चढ़ा तो उन्होंने एक दूसरे का होने का फैसला किया। अब दोनों ने शादी रचा ली है।

इसमें चौकाने वाली बात यह है कि जिस उम्र लोग रिटायर (Retire) होने वाले होते हैं, उस उम्र में जज साहब को प्रेम रोग लगा। जज 59 साल के हैं और वे 9 साल छोटी वकील और बीजेपी नेत्री को अपनी दुल्हन बनाया है।

दूल्हा बने जज चारा घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को सजा सुनाकर चर्चा में आए थे। जज का अगले साल रिटायरमेंट होने जा रहा है।

The judge, who sent Lalu Prasad behind bars in the fodder scam, married a 9-year-old lawyer

कहते हैं बार और बेंच में एक खास किस्म की दूरी होती है- एक डिफरेंस होता है, लेकिन प्रेम में ऐसी शक्ति है जो किसी भी दूरी को पाट देता है।

जी हां, चारा घोटाले जैसे चर्चित मामले में लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाने वाले कड़क मिजाज जज शिवपाल सिंह (59 साल) भी प्यार में अपना दिल दे बैठे।

उन्होंने यहां तेजतर्रार महिला वकील Nutan Tiwari (50 साल) से शादी रचा ली है। नूतन को झारखंड में तेजतर्रार भाजपा नेत्री के रूप में जाना जाता है।

The judge, who sent Lalu Prasad behind bars in the fodder scam, married a 9-year-old lawyer

दोनों की है दूसरी शादी

गोड्डा के एक वकील इस शादी के साक्षी बने। उन्होंने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि जज Shivpal Singh की पत्नी का करीब दो दशक पहले देहांत हो गया था।

गोड्डा की तेजतर्रार BJP नेत्री और बार एसोसिएशन की वरिष्ठ अधिवक्ता नूतन तिवारी के पति का भी कुछ साल पहले देहांत हो गया था।

अच्छी बात यह है कि दोनों ने अपने परिवार की रजामंदी से ये शादी की है। जज शिवपाल सिंह के दो बेटे हैं और नूतन तिवारी का भी एक बेटा है।

गोड्डा में तीन साल से जज हैं शिवपाल सिंह

Judge शिवपाल सिंह गोड्डा में पिछले 3 साल से जज की कुर्सी संभाले हुए हैं। मजे की बात यह रही कि बार और बेंच के बीच यह प्यार कब पनपा, साथी वकीलों को कानों कान खबर तक ना हुई। अब अधिवक्ता और जज दोनों ही शादी (Marrige) के बंधन में बंध चुके हैं।

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