रांची: Jharkhand High Court (झारखंड हाई कोर्ट) में RIMS की लचर व्यवस्था को लेकर स्वतः संज्ञान मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के जस्टिस (High Court Justice) अपरेश कुमार सिंह की अध्य क्षता वाली खंडपीठ में हुई। मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
जल्द से जल्द रिक्त पदों पर नियुक्ति
High Court (हाई कोर्ट) ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा कि RIMS में दवाएं, कॉटन, बैंडेज, सिरिंज जैसी आम जरूरतों की चीजों का अभाव रहता है, इसे दूर करने की जरूरत है। RIMS में स्टाफ की भी कमी है।
मिनिमम स्टाफ से काम लिया जा रहा है। जल्द से जल्द रिक्त पदों पर नियुक्ति कर स्टाफ की कमी को दूर कर लेना चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त करने का अनुरोध हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से (Chief Justice of High Court) किया है।
CT स्कैन मशीन आदि को हमेशा दुरुस्त रखना चाहिए
खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि RIMS में गरीब तथा संपन्न दोनों तबके के लोग इलाज के (Treatment) लिए आते हैं। ऐसे में सभी लोगों के लिए RIMS को स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी सुधार की आवश्यकता है।
रिम्स की ओर से कहा गया की एक्सरे प्लेट सहित जरूरत की सभी चीजों को उपलब्ध करा लिया गया है। कोर्ट ने कहा कि RIMS में X-Ray Machine, Ultrasound Machine , CT स्कैन मशीन आदि को हमेशा दुरुस्त रखना चाहिए।
एक सप्ताह के भीतर 320 नर्सों की नियुक्ति
कोर्ट ने कहा की RIMS में आवश्यक सामग्रियों एवं स्टाफ आदि सहित वर्तमान में जो आवश्यकताएं हैं उसका आंकलन कर शपथ पत्र दाखिल किया जाए।
RIMS की ओर से बताया गया कि एक सप्ताह के भीतर 320 नर्सों की नियुक्ति कर ली जाएगी। RIMS की ओर से Dr. A K सिंह ने पैरवी की।