पूर्वी सिंहभूम: प्रदेश में नक्सलियों (Naxalites) का मनोबल दिनों बढ़ता ही जा रहा है। वे सरकारी काम में बाधा डालने के साथ-साथ वे बड़ी वारदातों को अंजाम देने में जरा भी नहीं हिचकिचा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला जिले के बोड़ाम क्षेत्र से आ रही है। यह पर नक्सलियों के खिलाफ चला जा रहे अभियान में सुरक्षा बलों को मदद पहुंचाने के आरोप में परमेश्वर सिंह (Parmeshwar Singh) की हत्या कर दी गई है।
वे दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति नाम के संगठन के नेता थे। परमेश्वर का शव आमझोर गांव में छागलदह जंगल में एक पेड़ से लटका हुआ बरामद किया गया है। वह बोड़ाम के कोयराटोला जोजराडीह के निवासी थे।
प्राइवेट पार्ट से निकल रहा था खून
चर्चाएं हैं कि परमेश्वर के प्राइवेट पार्ट (Private part) से खून निकल रहा था। पटमदा डीएसपी सुमित कुमार व थाना प्रभारी शंकर लकड़ा ने उपस्थित लोगों को उचित जांच और कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया।
राजमिस्त्री थे परमेश्वर सिंह
45 वर्षीय परमेश्वर पेशे से राजमिस्त्री थे। पिछले 13 साल से घर से बाहर ही रह रहे थे। बड़े भाई विश्वनाथ सिंह ने बताया कि करीब 5 वर्ष से वह आमझोर के काशीडीह टोला में गोहन सिंह के घर पर रह रहे थे।
बुधवार शाम 5 बजे एक बाउंड्री वॉल के निर्माण कार्य के दौरान उन्हें कुछ अन्य मजदूरों (Workers) के साथ देखा था इसके बाद यह खबर मिली।
परिवार का कहना है कि परमेश्वर लंबे समय से नक्सलियों के निशाने पर थे। इसी डर से वे रात के समय वह घर पर नहीं ठहरते थे।