रांची: प्रोजेक्ट भवन सभागार में ग्रामीण महिलाओं के संकुल स्तरीय संगठनों के पदाधिकारियों का राज्य स्तरीय एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन मंगलवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आलमगीर आलम ने कार्यक्रम के जरिए राज्य के सखी मंडल की दीदीयों को सशक्त कर आजीविका (Empowering Livelihood) एवं आमदनी बढ़ोतरी समेत कई सामाजिक क्षेत्रों में विकास के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत संकुल संगठन की बहनों को झारखण्ड में उपलब्ध विभिन्न आजीविका के अवसरों का लाभ मिले इस के लिए विभाग नवीनतम रणनीति बनायें और सखी मंडल की दीदियों को प्रशिक्षित करे।
इसी कड़ी में राज्य में बैंकिंग कॉरेस्पॉडेट पशु सखी, कृषक मित्र, वनोपज मित्र, सीआरपी समेत परियोजना क्रियान्वयन के लिए करीब 90 हज़ार सामुदायिक कैडर को प्रशिक्षित कर परियोजना के विस्तारण में लगाया गया है।
आलम ने बताया कि राज्य में अब तक करीब 35 लाख ग्रामीण महिलाए 2.79 लाख समूह से जुड़ कर आत्मनिर्भर (Self Dependent) बन चुकी है।
राज्य की करीब 27 लाख बहनों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ा जा चुका है वहीं 16.79 लाख बहनों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना से जोड़ा जा चुका है।
गांव में बैंकिंग सुविधाओं को आसान बनाने में बीसी सखी की भूमिका की तारीफ करते हुए आलम ने कहा कि अब तक 4647 बीसी सखी पंचायतों में घर-घर बैंकिंग सुविधाएं पहुंचा रही है।
उन्होंने बताया कि सखी मंडल से जुड़ी 21 लाख ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के सशक्त साधनों से जोड़ा जा चुका है।
जिसके तहत दीदियां खेती, पशुपालन, वनोपज, एवं उद्यमिता से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक कुल 230 पलाश मार्ट की शुरूआत की जा चुकी है जो प्रशंसनीय है। वहीं इस पहल से 2 लाख से ज्यादा दीदियां लाभान्वित हो रही है।
आलगमगीर आलम ने कहा कि अब तक 128,374 समूह सदस्यों को अजीविका संवर्धन गतिविधियों के लिए 30,000 रूपये से अधिक की व्यक्तिगत ऋण उपलब्ध करायी जा चुकी है।
वहीं इस वित्तीय वर्ष में अब तक 209,118 समूह सदस्यों को व्यक्तिगत ऋण हेतू चिन्हित किया जा चुका है एवं इनको मुद्रा लोन ,केसीसी लोन या अपने समूह से ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में फूलो झानो आशीर्वाद अभियान के जरिये हड़िया दारू निर्माण एवं बिक्री से जुड़ी 23,000 से ज्यादा महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका उपलब्ध कराया गया है।
वहीं राज्य संपोषित जोहार परियोजना के तहत 17 जिलों के 68 प्रखंडों के 3815 गांव में 3922 उत्पादक समूह एवं 20 उत्पादक कंपनियों संचालन हो रहा है। इसके तहत राज्य के करीब 2.21 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा है।
सखी मंडल की दीदियों की आमदनी 10 हजार से अधिक करना लक्ष्य : डॉ मनीष रंजन
इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन (Dr. Manish Ranjan ) ने कहा कि इस कार्यशाला के जरिए संकुल संगठन के पदाधिकारियों को गांव के उत्पादों के संग्रहण, गुणवत्तापूर्ण संग्रहण एवं क्लस्टर तैयार करने से लेकर बाजार व्यवस्था पर प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सखी मंडल की प्रत्येक दीदी की आमदनी 10 हजार से 15 हजार करना हमारा लक्ष्य है।
इस कार्यशाला में दीदियों को बिजनस प्लान के गुर एवं फायदे समेत पलाश के उत्पादों के बेहतर ब्रांडिंग, पैकेजिंग, एवं गुणवत्ता पर भी मंथन किया जाएगा।
ग्रामीण विकास सचिव ने दीदियों के शिकायत एवं सुझाव के लिए इंटरनल कंप्लेन सिस्टम (Internal Complaint System) पर कार्य करने की सलाह दी एवं आईटी टूल्स के उपयोग पर बल दिया।
क्लस्टर एप्रोच से बढ़ेगी सखी मंडल की दीदियों की आमदनी : सूरज कुमार
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेएसएलपीएस के सीईओ सूरज कुमार ने कहा कि जिलावार क्लस्टर एप्रोच में कार्य करने के लिए सखी मंडल की दीदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
आने वाले दिनों में दीदियां इस पहल से आत्मनिर्भरता के पथ पर बढ़ेगी एवं उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
कार्यक्रम में नाबार्ड के सीजीएम विनोद कुमार (Vinod Kumar) ने नाबार्ड के विभिन्न योजनाओं की जानकारी सखी मंडल की बहनों से साझा की।
वहीं राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के जीएम सुबोध कुमार ने सभी दीदियों से आठ जून को आयोजित होने वाले मेगा क्रेडिट कैंप में भाग लेने की अपील की।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में संकुल संगठन के पदाधिकारियों को क्लस्टर एप्रोच, बिजनस प्लान, वित्तीय समावेशन पर प्रशिक्षित किया गया।
इस अवसर पर राज्य के विभिन्न जिलों से 200 से ज्यादा संकुल संगठन की दीदियां उपस्थित थी ।