रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को रांची में वर्ष 2019 में लॉ की छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म (Gang rape) के मामले में सजायाफ्ता ऋषि तिर्की और सुनील उरांव की जमानत याचिका (Bail Application) खारिज कर दी है।
दोनों ने हाई कोर्ट में सजा को चुनौती देते हुए अपील दायर की गई थी और जमानत की गुहार लगाई गई थी। मामले में सरकार की ओर से भोला नाथ ओझा ने पैरवी की।
स्टूडेंट ने 12 आरोपियों की पहचान की थी
26 नवंबर, 2019 को रांची के कांके से लॉ छात्रा (Law Student) को अगवा कर Gang rape की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
निचली अदालत में छह जनवरी 2020 से इस मामले की सुनवाई डे-टू-डे हुई थी। पांच फरवरी 2020 को पीड़िता ने इस केस में गवाही दी थी। गवाही के दौरान Gang rape की घटना को अंजाम देने वाले सभी 12 आरोपियों की पहचान की थी।
11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
Rape की घटना के बाद पीड़िता ने कांके थाना में 27 नवंबर, 2019 को कांड संख्या 216/19 के तहत आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी।
घटना के दूसरे ही दिन पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार (Arrest) कर जेल भेज दिया था। निचली अदालत ने मामले में 11 दोषियों को 26 फरवरी, 2020 को उम्रकैद (Life Prison) की सजा सुनाई थी।
इस केस में कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, अमन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव एवं ऋषि उरांव को सजा मिली है।