रांची: विधायक सरयू राय ने सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह (Sukhdev Singh) को पत्र लिखा है।
राय ने राज्य सरकार से उस संचिका की छाया प्रति शुल्क लेकर उपलब्ध कराने की मांग की है, जिसमें पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पूजा सिंघल पर विभागीय कार्रवाई का अभियोग चलाया गया था और बाद में सरकार ने उन्हें सात फ़रवरी 2017 को आरोप मुक्त कर दिया था।
उनपर चल रही विभागीय कारवाई बंद कर दिया था, उन्हें क्लीन चिट दे दिया था।
मुख्य सचिव से उन्होंने कहा है कि पूजा सिंघल पर मनरेगा घोटाला का आरोप 2014 में पूर्ववर्ती सरकार बनने के पहले का है। आठ नवम्बर 2016 को नोटबंदी लागू हुई तो पहले का काला लेन देन सफ़ेद हो गया।
2017 में उन्हें उस समय की सरकार ने क्लीन चिट दे दिया। अब प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हीं आरोपों में उन्हें पकड़ा है।
दफ़्न राज की जांच आपको अपने स्तर से करनी चाहिये
2018 में उन्होंने सरावगी नामक बिल्डर से पल्स अस्पताल का अर्द्धनिर्मित भवन ख़रीदा, उसे पूरा बनाया, 2020 में कोविड का वहां इलाज चलने लगा।
अब प्रवर्तन निदेशालय उनसे पल्स में निवेश का हिसाब मांग रही है। निश्चित रूप से यह निवेश नोटबंदी लागू होने और 2020 के बीच का है।
उन्होंने कहा कि वह ऐसी स्थिति में पूजा सिंहल को क्लीन चिट देने का राज संबंधित संचिका में है। इस संचिका में दफ़्न राज की जांच आपको अपने स्तर से करनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि इस संचिका की छाया प्रति मुझे भी उपलब्ध कराये। सूचना प्राप्त करने के लिये मैं वह शुल्क देने के लिये तैयार हूं जो सूचना अधिकार अधिनियम में निर्धारित है।