रांची: रांची सिविल कोर्ट (Civil Court) के अपर न्यायायुक्त ने साक्ष्यों के अभाव में शुक्रवार को आठ साल पुराने मामले में तीन साल की सजा काट चुके पिता-पुत्र को कोर्ट ने बरी कर दिया।
पुलिस सुनवाई के दौरान पिता-पुत्र के खिलाफ पर्याप्त सबूत और साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी। इसके बाद पिता पुत्र को बरी किया गया। मामला पुंदाग का है।
फैसला आने के बाद पिता पुत्र की रिहाई होगी
सविता कंडुलना ने पड़ोसी योगेश्वर शर्मा और उनके पुत्र सुधाकर शर्मा के खिलाफ ठगी और जातिसूचक अपशब्दों का हवाला देते हुए एससी-एसटी थाना में 2014 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसके बाद साल 2018 में पुलिस ने पिता पुत्र को गिरफ्तार किया और तीन साल तक जेल में रखा। निचली अदालत में फैसला आने के बाद पिता पुत्र की रिहाई होगी।