रांची: मांडर विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने एक बार फिर गंगोत्री कुजूर (Gangotri Kujur) को उम्मीदवार घोषित किया है। वह पहले भी इस क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव (Central election) समिति ने उनके नाम की घोषणा कर दी है।
विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश कार्यालय में शनिवार को प्रदेश भाजपा चुनाव समिति की बैठक हुई। इसमें सभी पहलुओं को ध्यान रखते हुए अंतत: गंगोत्री कुजूर के नाम को सबसे आगे किया गया था।
हालांकि, बैठक में पूर्व आईपीएस डॉ. अरुण उरांव, रांची मेयर आशा लकड़ा के नाम भी दौड़ में शामिल रहे।
प्रदेश चुनाव समिति ने भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति को नामों की सूची भेज दी है। अंतिम मुहर केंद्रीय चुनाव समिति ही लगाएगी।
मांडर में पहली बार गंगोत्री ने ही भाजपा को दिलाई थी जीत
गंगोत्री कुजूर ने वर्ष 2014 में पहली बार भाजपा को इस सीट पर जीत दिलाई। वर्ष 2019 में उन्हें मौका नहीं मिला था। पार्टी ने उनका टिकट काट दिया।
उनकी जगह भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक देवकुमार धान (Devkumar dhaan) को टिकट दिया गया। मांडर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की पकड़ सबसे ज्यादा मजबूत है।
1957 से अबतक पांच बार कांग्रेस पार्टी मांडर से चुनाव जीत चुकी है। इसके बाद बंधु तिर्की ने वहां जनाधार बनाया।
वे यूजीडीपी, जेएचजेएएम और जेवीएम से चुनाव जीत चुके हैं।2014 में उन्हें भाजपा की उम्मीदवार गंगोत्री कुजूर ने ही मात दी थी।
कौन हैं गंगोत्री कुजूर
गंगोत्री कुजूर ने 1988 में रांची यूनिवर्सिटी (Ranchi University) से स्नातक किया है। 2014 से 2019 तक वे मांडर से भाजपा की विधायक रही हैं।
वे राज्य सूचना आयुक्त पद पर भी रह चुकी हैं। 2020 में सरना स्थल से मिट्टी एकत्र कर अयोध्या में भूमि पूजन के लिए भेजने के एक मामले में उनके खिलाफ रांची के चान्हो थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया था।
फिलहाल गंगोत्री कुजूर भाजपा (BJP) की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। उनके पति दूरसंचार विभाग के रिटायर्ड अधिकारी है। उनकी दो बेटियां है। दोनों शादी-शुदा हैं।