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देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट हैरी ने DGCA के फैसले को ‘मील का पत्थर’ बताया

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तिरुवनंतपुरम: देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी (Transgender Pilot Adam Harry) ने घर और समाज में अपनी लैंगिक पहचान को लेकर काफी ‘उत्पीड़न’ का सामना किया लेकिन उन्होंने विमान उड़ाने (Flying Plane) के अपने लंबे समय से पल रहे ख्वाब को मरने नहीं दिया।

DGCA के नए दिशा-निर्देशों का स्वागत

हैरी ने वाणिज्यिक पायलट License के लिए आवेदन करने वाले Transgender लोगों की Fitnet के आंकलन पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नए दिशा-निर्देशों का स्वागत किया है।

विमानन नियामक DGCA ट्रांसजेंडर के लिए अपना पहला चिकित्सा दिशा निर्देश तैयार कर रहा है।

इसके लिए अकेले अपने दम पर लंबी लड़ाई लड़ने वाले हैरी को लगता है कि जो अपमान और दुख उन्होंने हमेशा सहा, उसने उन्हें अधिक मजबूत बनाया और अपने सपने पूरे करने की ललक पैदा की।

DGCA के फैसले को लेकर ‘‘बहुत खुश’’

केरल के 23 वर्षीय हैरी ने ‘PTI-language’ से कहा कि वह DGCA के फैसले को लेकर ‘‘बहुत खुश’’ हैं और यह भारत में तीसरे लिंग के समुदाय के लिए ‘‘मील का पत्थर’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अकेले मेरी जीत नहीं है बल्कि पूरे ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender Community) की जीत है, जिन्हें अन्य लिंग के लोगों जितना सक्षम होने के बावजूद अपनी Sexual पहचान के लिए प्रताड़ित किया जाता है।’’

लाइसेंस के लिए Application करने वाले ट्रांसजेंडर

DGCA ने वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस के लिए Application करने वाले ट्रांसजेंडर लोगों की फिटनेस का आकलन करने के लिए चिकित्सा परीक्षकों के वास्ते बुधवार को दिशा निर्देश जारी किए।

उसने पिछले महीने Media में आयी उन खबरों का खंडन किया था कि हैरी को वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस देने से इनकार कर दिया गया है।

ट्रांसजेंडर व्यक्ति को एक फिटनेस चिकित्सा प्रमाणपत्र

इन खबरों को सही नहीं बताते हुए DGCA ने तब कहा था कि एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को एक फिटनेस चिकित्सा प्रमाणपत्र जारी किया जा सकता है, बशर्ते कि उन्हें ‘‘किसी तरह की चिकित्सकीय, मनोरोग या मनोवैज्ञानिक बीमारी न हो।’’

DGCA ने बुधवार को अपने दिशानिर्देशों में कहा कि एक ट्रांसजेंडर आवेदक की फिटनेस का आकलन उनकी कार्यात्मक क्षमता और अक्षमता के जोखिम का आकलन करने के सिद्धांतों का पालन करते हुए किया जाएगा।

इसमें यह उल्लेख किया गया है कि ऐसे Transgender आवेदक, जो पिछले पांच वर्षों से हार्मोन थेरेपी ले रहे हैं या लिंग परिवर्तन सर्जरी (Gender Change Surgery) करा चुके हैं, उनकी मानसिक सेहत की स्थिति जांची जाएगी।

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