नई दिल्ली: Supreme Court के फैसले के बाद, पटना हाईकोर्ट ने एक न्यायिक अधिकारी(Justice of the Peace) के निलंबन आदेश को वापस ले लिया है, जिसे एक नाबालिग के बलात्कार के मुकदमे को एक दिन के रिकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए दंडित किया गया था।
हाईकोर्ट ने जज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को भी रद्द कर दिया है।
बिहार के अररिया के एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Sessions Judge) शशिकांत राय ने उच्च न्यायालय द्वारा जारी निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए एडवोकेट नितिन सलूजा के माध्यम से शीर्ष अदालत का रुख किया था।
विकास सिंह ने शीर्ष अदालत में राय का प्रतिनिधित्व किया
Supreme Court ने 8 अगस्त को Patna High Court से बिहार के एक निलंबित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश(Sessions Judge) के खिलाफ पॉक्सो मामलों का फैसला करने के लिए सभी अनुशासनात्मक कार्यवाही को एक दिन के रिकॉर्ड समय में समाप्त करने को कहा था।
हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने शीर्ष अदालत में राय का प्रतिनिधित्व किया। सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय (High Court) में बयान देने को तैयार हैं।