नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने 2002 के गुजरात दंगों के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी (CM Narendra Modi) को फंसाने की साज़िश रचने और झूठे सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार को Notice जारी किया है।
जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को करने का आदेश दिया।
तीस्ता को 2002 के गुजरात दंगे (Gujarat Riots) के मामले में फर्जी दस्तावेज के जरिये फंसाने के मामले में 26 जून को गिरफ्तार (Arreste) किया गया था।
तीस्ता ने गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) में जमानत याचिका दायर किया था। 2 अगस्त को गुजरात हाईकोर्ट (GHC) ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए SIT को नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तिथि 19 सितंबर तय की थी।
इसके पहले 30 जुलाई को अहमदाबाद के सेशंस कोर्ट (Sessions Court) ने यह कहते हुए तीस्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि उसने गुजरात सरकार (Gujarat Government) को अस्थिर और बदनाम करने की नीयत से काम किया।
मामले को 16 साल तक जिंदा रखा गया
सेशंस कोर्ट ने कहा था कि जाकिया जाफरी की ओर से गुजरात के तत्कालीन PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीस्ता के कहने पर ही शिकायत (Complaint) की गई थी। तीस्ता ने PM Modi के खिलाफ जाकिया जाफरी का इस्तेमाल किया था।
SC ने 24 जून को जाकिया जाफरी की याचिका (Petition) पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि 2006 में जाकिया जाफरी की शिकायत के बाद निहित स्वार्थों के चलते इस मामले को 16 साल तक जिंदा रखा गया।
SC ने कहा था कि जो लोग भी कानूनी प्रकिया के गलत इस्तेमाल में शामिल हैं उनके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।