नई दिल्ली: आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश को मिलने वाले स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस ‘विक्रांत'(Indigenous aircraft carrier INS ‘Vikrant’) के लिए भारतीय नौसेना को समुद्री लड़ाकू विमानों की तेजी से तलाश है। नौसेना इसी साल की शुरुआत में समुद्री लड़ाकू विमान ‘राफेल मरीन’ का परीक्षण कर चुकी है।
अब भारतीय नौसेना 23 मई से गोवा में आईएनएस हंसा में तट आधारित परीक्षण सुविधा (एसबीटीएफ) में बोइंग एफ/ए-18ई सुपर हॉर्नेट वाहक आधारित बहु भूमिका वाले लड़ाकू विमानों का उड़ान परीक्षण शुरू करेगी।
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच हथियारों की आपूर्ति में अनिश्चितता के बाद भारत ने रूस के साथ 520 मिलियन डॉलर में 10 कामोव-31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर का सौदा करने के लिए बातचीत रोक दी है।
भारत ने रूस के साथ 520 मिलियन डॉलर सौदा करने के लिए बातचीत रोक दी
रक्षा मंत्रालय ने मई, 2019 में 10 कामोव-31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। सूत्रों का कहना है कि यह सौदा भुगतान हस्तांतरण से संबंधित मुद्दों की वजह से रोका गया है।
ऐसा राजनीतिक दबाव के कारण भी हो सकता है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की निंदा की है।
यह सौदा रुकने से देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए कामोव-31 हेलीकॉप्टरों को मिलने में देरी होगी, जिसे आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समय देश को समर्पित किया जाना है।
विमानवाहक आईएनएस ‘विक्रांत’ के लिए भारतीय नौसेना ने इसी साल जनवरी में गोवा स्थित आईएनएस हंसा में समुद्री लड़ाकू विमान ‘राफेल मरीन(Marine fighter aircraft ‘Rafale Marine‘)’ का परीक्षण किया था।
आईएनएस हंसा में समुद्री लड़ाकू विमान ‘राफेल मरीन का परीक्षण
राफेल जेट के समुद्री संस्करण ‘राफेल मरीन’ में एक अंडरकारेज और नोज व्हील, एक बड़ा अरेस्टर हुक, एक एकीकृत सीढ़ी जैसे कई अन्य मामूली अंतर हैं। स्की टेक-ऑफ के लिए राफेल-एम चार-पांच टन बाहरी भार (पूर्ण आंतरिक ईंधन के साथ) तक ले जा सकता है।
कम आंतरिक ईंधन के साथ, यह मिशन की आवश्यकताओं के आधार पर अधिक हथियार ले जा सकता है। भारत की जरूरतों के लिहाज से फ्रांसीसी कंपनी ने परमाणु सक्षम एक ‘राफेल मरीन’ भारत भेजा था, ताकि स्की-जंप करने की क्षमता का प्रदर्शन किया जा सके।
इससे पहले डसॉल्ट एविएशन की मुख्य प्रतिद्वंद्वी अमेरिकी कंपनी बोइंग इंडिया विमानवाहक पोत विक्रांत के लिए अपने एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान का आधिकारिक तौर पर इस साल अगस्त में स्की जंप परीक्षण का प्रदर्शन कर चुकी है।
कंपनी की ओर से जारी आधिकारिक वीडियो में दिखाया गया है कि यूएस के नेवल एयर स्टेशन में पेटक्सेंट रिवर के किनारे सुपर हॉर्नेट शॉर्ट टेकऑफ लेकिन अरेस्ट रिकवरी सिस्टम से सफलतापूर्वक लॉन्च हो रहा है।
यह डेक आधारित लड़ाकू जेट आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत से भी लॉन्च किया जा सकता है।
भारतीय नौसेना 23 मई से गोवा में आईएनएस हंसा में तट-आधारित परीक्षण सुविधा (SBTF) में बोइंग एफ/ए-18ई सुपर हॉर्नेट वाहक आधारित बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमानों का उड़ान परीक्षण शुरू करेगी क्योंकि अमेरिकी विमान इसके दावेदारों में से एक है।
26 लड़ाकू विमान जल्द ही आईएनएस विक्रांत में शामिल होंगे। नौसेना मौजूदा समय में मिग-29के का उपयोग कर रही है, लेकिन इन विमानों में रखरखाव, सेवा उपलब्धता और तकनीकी कठिनाई से संबंधित कई मुद्दे हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछले एक वर्ष में तीन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।