रांची: पलामू जिले में गुरुवार को नक्सली एरिया कमांडर अभय जी उर्फ सकेन्द्र यादव ने पत्नी के कहने पर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
अभय यादव पलामू जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के मुसुरमु गांव के कटहर टोला का रहने वाला है।
खानदानी जमीन के लिए बना नक्सली
एसपी कार्यालय में पत्रकारों को नक्सली एरिया कमांडर ने बताया कि गोतिया के साथ खानदानी जमीन का विवाद चल रहा था। करीब डेढ़ एकड़ जमीन पर विवाद था।
जमीन का हक नहीं मिलने के कारण वर्ष 2014 में टीएसपीसी के नितांत जी से प्रभावित होकर टीएसपीसी में शामिल हुआ और अपने हिस्से की डेढ़ एकड़ जमीन वापस ली।
अगस्त 2014 से संगठन के लोगों के साथ मिलकर लेवी वसूलने और ग्रामीण बैंक रंका के मैनेजर रामलाल राम का थम्हवा स्कूल के पास से अपहरण कर लिया।
वर्ष 2015 में टीएसपीसी के रौशन जी के साथ संगठन में चलाने लगा। 2016 के अप्रैल माह में मुसुरमु स्थित मोहन यादव के घर पर गोली चलायी।
जनवरी 2017 में चौवानटांड़ स्थित ढोलमंडली जंगल में पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल रहा। इस मुठभेड़ में दस्ता सदस्य रजनीकांत मारा गया, जबकि वह बच निकला।
2017 जून महीने में दस्ता के सदस्यों के साथ पकड़ा गया और उसे जेल जानी पड़ी। चार वर्ष तक वह जेल में रहा और जून 2021 में जेल से बाहर आ गया।
आर्थिक तंगी ने पुनः थमायी बंदूक
अभय जी उर्फ सकेन्द्र यादव ने बताया कि जेल से निकलने के बाद आर्थिक स्थिति खराब थी। ऐसे में अभय ने पांच लोगों सोनू यादव, विशाल चौधरी, मुन्ना लोहरा, छोटू कोरवा, राजेश कोरवा के साथ मिलकर टीएसपीसी दस्ता चलाने लगा एवं रामगढ़, चैनपुर के अलावा गढ़वा के रमकंडा और रंका थाना क्षेत्र के ठिकेदारों, व्यवसायियों, भट्ठा मालिकों को डरा धमका कर लेवी वसूलने लगा।
नंबर 2021 में चैनपुर थाना क्षेत्र के सलतुआ गांव में लेवी नहीं मिलने पर राकेश सिंह, दिलीप प्रसाद, राजू प्रसाद एवं खामही स्थित राजेकश कपूर के क्रशर में आग लगा दी।
22 नंबर, 2021 को रामगढ़ थाना क्षेत्र के लमटी गांव में माइंस पर जाकर काम रोकवा दिया था तथा लेवी देने की धमकी दी थी। 09 दिसंबर, 2021 को रमकंडा में विशुनधारी यादव को लेवी के लिए डराया धमकाया था।
जनवरी 2022 में संगठन को मजबूत करने के लिए पीएलएफआई के ननका यादव, कैला यादव, मदन यादव को अपनी टीम में शामिल किया।
27 जनवरी, 2022 को इसके दस्ता के साथ पुलिस पार्टी के बीच मुसुरमु के जंगल में मुठभेड़ हुई, जिसमें ननका यादव एवं कैला, मदन पकड़े गए। पुलिस की दबिश अभय पर लगातार बनी हुई थी।
शादी के छह महीने में आया बदलाव
छह माह पूर्व एरिया कमांडर अभय जी उर्फ सकेन्द्र की शादी हुई। पुलिस की दबिश और पत्नी के समझाने पर अभय में बदलावा आया और उसने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय किया।
पलामू के डीआइजी से संपर्क करने पर उन्होंने अभय को प्रेरित किया और हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
अभय ने कहा कि शादी के बाद पत्नी उसे बार-बार यह समझाती थी कि नक्सली संगठन में रहने पर लंबी आयु नहीं होती।
ऐसे में उसने पत्नी की बातों को मानकर आत्मसमर्पण का निर्णय किया।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पलामू के उपायुक्त शशि रंजन और पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के समक्ष एरिया कमांडर ने 3.15 बोल्ट एक्शन राइफल एवं 14 गोलियों के साथ आत्मसमर्पण किया।