नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) से नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) और दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) को राहत मिली है।
कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की तरफ से लगाए गए जुर्माने (Penalty) पर रोक लगा दी है।
मामले की अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी। NGT ने बिना साफ किए सीवेज (Sewage) का पानी यमुना (Yamuna) में डालने के लिए नोएडा अथॉरिटी पर एक सौ करोड़ और दिल्ली जल बोर्ड पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
ड्रेन के जरिये यमुना नदी के अलावा गंगा नदी को भी किया जा रहा है प्रदूषित
दरअसल, NGT ने अगस्त में ये जुर्माना तय मानकों के मुताबिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewage Treatment Plant) काम नहीं करने और कोंडली/नोएडा ड्रेन के जरिये प्रदूषित पानी (Polluted Water) को यमुना नदी में छोड़ने पर दिल्ली जल बोर्ड पर सौ करोड़ रुपये और नोएडा प्राधिकरण पर पचास करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
NGT ने कहा था कि नोएडा की इमारतों में न तो पर्याप्त संख्या में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं और न ही वे तय मानकों के मुताबिक काम कर रहे हैं।
दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी तय मानकों के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं।
इसकी वजह से नोएडा और शाहदरा ड्रेन के जरिये यमुना नदी के अलावा गंगा नदी (Ganga River) को भी प्रदूषित (Polluted ) किया जा रहा है।