Homeविदेशअब Monkeypox वायरस का खतरा, जानवरों से इंसान में पहुंचा, जानें कितना...

अब Monkeypox वायरस का खतरा, जानवरों से इंसान में पहुंचा, जानें कितना है खतरनाक

spot_img

वाशिंगटन: आजकल यूके में कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक वायरस मंकीपॉक्स (Monkeypox) का खतरा मंडराने लगा है। यह वायरस जानवरों जैसे चूहों या बंदरों से इंसानों में फैलता है।

पिछले दिनों एक व्यक्ति के मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया है।

खबरों के अनुसार, जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स वायरस पाया गया है, उसने हाल ही में नाइजीरिया की यात्रा की थी। फिलहाल उस संक्रमित व्यक्ति का इलाज लंदन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल में चल रहा है।

क्या है मंकीपॉक्स डिजीज

आइए जानते हैं, क्या है मंकीपॉक्स डिजीज, कैसे नजर आते हैं इसके लक्षण और कैसे होती है यह बीमारी। मंकीपॉक्स मुख्य रूप से चूहों और बंदरों के जरिए इंसानों को होता है।

यदि इन रोडेंट्स या जानवरों में मंकीपॉक्स वायरस मौजूद होगा, तो व्यक्ति के इनसे संपर्क में आने से वो भी संक्रमित हो सकता है। यह एक दुर्लभ बीमारी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस ज्यादातर जंगली जानवरों जैसे कि रोडेंट्स यानी चूहों, बंदरों और प्राइमेट्स से लोगों में फैलता है।

साथ ही यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक डिजीज है, जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होती है और कभी-कभी ये दूसरे क्षेत्रों में भी फैल सकती है।

मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जो पॉक्सविरिडे फैमिली में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का एक सदस्य है।

इस तरह से संपर्क में आने से फैलता है ये वायरस

WHO के अनुसार, (Monkeypox) वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में घावों, शरीर के तरल पदार्थों, खांसने-छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के संपर्क में आने से फैलता है। आमतौर पर, मंकीपॉक्स से पीड़ित हर दसवें व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

जिसमें अधिकांश मौतें कम आयु वर्ग में होती हैं। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति में बुखार, तीव्र सिरदर्द, कमर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में अत्यधिक रूप से ऊर्जा की कमी, स्किन रैशेज, त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते होना, शरीर पर लाल रंग के दाने होना, ठंड महसूस होना, लिम्फ नोड्स में सूजन होना आदि कुछ आम लक्षण नजर आते हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई इलाज मौजूद नहीं है।

इस वायरस को और अधिक गंभीर होने, लक्षणों को बढ़ने से रोकने के लिए स्मॉलपॉक्स का वैक्सीन लगाया जाता है, जो लगभग 85 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। ऐसे में मंकीपॉक्स के गंभीर लक्षणों को रोकने के लिए बचपन में ही हर बच्चे को चेचक का टीका लगवाना चाहिए।

WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स के रोगियों में त्वचा फटने की समस्या भी नजर आ सकती है, जो बुखार होने के 1 से 3 दिनों के भीतर नजर आ सकता है।

इसमें रैशेज चेहरे पर अधिक नजर आते हैं, साथ ही हथेलियों, तलवों, कोर्निया, कन्जंक्टिवाइटिस, जननांगों को भी प्रभावित करता है।

मंकीपॉक्स का इंक्यूबेशन पीरियड (संक्रमण से लक्षणों की शुरुआत तक) आमतौर पर 6 से 13 दिनों तक होती है, लेकिन 5 से 21 दिनों तक भी हो सकती है।

spot_img

Latest articles

Google ने Play Store से हटाए 77 खतरनाक Apps, Anatsa Malware का खतरा!

Google removed 77 dangerous apps: Google ने हाल ही में अपने Play Store से...

रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग का मामला, 6 नामजद समेत 40 अज्ञात पर FIR

Ramgarh News: झारखंड के रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में बीते शुक्रवार को प्रथम वर्ष के...

प्रेमी के साथ मिलकर पत्नी ने पति की हत्या, जंगल में लाठी से पीट-पीटकर मार डाला

Jharkhand Crime News: पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में NH-33 पर पिपला के भागाबांध...

झारखंड में 543 स्कूलों का सर्टिफिकेशन, 49 को Gold; CM टॉप 3 को हेमंत सोरेन करेंगे सम्मानित

Jharkhand News: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) ने राज्य के स्कूलों के सर्टिफिकेशन प्रोग्राम...

खबरें और भी हैं...

Google ने Play Store से हटाए 77 खतरनाक Apps, Anatsa Malware का खतरा!

Google removed 77 dangerous apps: Google ने हाल ही में अपने Play Store से...

रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग का मामला, 6 नामजद समेत 40 अज्ञात पर FIR

Ramgarh News: झारखंड के रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में बीते शुक्रवार को प्रथम वर्ष के...

प्रेमी के साथ मिलकर पत्नी ने पति की हत्या, जंगल में लाठी से पीट-पीटकर मार डाला

Jharkhand Crime News: पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में NH-33 पर पिपला के भागाबांध...