नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विकास धूल ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला(Former Chief Minister Om Prakash Chautala) को चार साल की सजा सुनाई है।
साथ ही पचास लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने चौटाला की चार संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने चौटाला की सजा की अवधि पर 26 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान 26 मई को चौटाला के वकील ने कहा था कि चौटाला 90 फीसदी दिव्यांग हैं। उन्होंने कहा था कि चौटाला को हाइपर टेंशन, डायबीटिज समेत कई दूसरी बीमारियां हैं।
चौटाला के हलफनामे में मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) का प्रमाण पत्र भी पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 86 साल की है और उन्हें न्यूनतम सजा दी जाए।
6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने चौटाला को स्वास्थ्य के आधार पर सजा में कभी की मांग का विरोध किया था। सीबीआई ने कहा था कि चौटाला को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए ताकि समाज में इसका संदेश जाए।
सीबीआई ने कहा था कि चौटाला सार्वजनिक व्यक्ति हैं और उन्हें न्यूनतम सजा देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।ईडी ने 2019 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में चौटाला की 1 करोड़ 94 लाख की संपत्तियों को जब्त किया था।
ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत चौटाला की जमीन और एक फार्म हाउस को जब्त किया गया था। ईडी ने इससे पहले ओमप्रकाश चौटाला की 4.15 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इस तरह अब तक कुल 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद दस साल की कैद की सजा काटकर जेल से बाहर हैं।
जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स भर्ती घोटाले (Junior Basic Training Teachers Recruitment Scam) के मामले में ही ओमप्रकाश चौटाला और उनके बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला को 16 जनवरी 2013 को दस वर्ष की सजा सुनाई गई थी।