मेदिनीनगर : उपायुक्त शशि रंजन (Shashi Ranjan) की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989, संशोधित अधिनियम 2016 के द्वारा जिला स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति की बैठक हुई।
बैठक में अधिनियम के तहत मामलों की चर्चा हुई। इसमें 25 मामलों के लिए राशि भुगतान (amount paid) की स्वीकृति दी गयी।
जिले के विभिन्न थानों में दर्ज कांड एवं पुलिस प्रशासन की अनुशंसा प्राप्त मामलों को बैठक में रखा गया था। इसमें राशि भुगतान के लिए स्वीकृति प्रदान करते हुए पीड़ितों के बीच भुगतान करने का निर्णय लिया गया।
जिन 25 मामलों में राशि भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गयी, उसमें जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने, मारपीट करने एवं गाली-गलौज करने आदि से संबंधित था। इससे संबंधित जिले के विभिन्न थानों में कांड दर्ज कर अनुसंधान की गयी थी।
लाभुकों के बीच शीघ्र भुगतान की जायेगी स्वीकृत राशि
जिला कल्याण पदाधिकारी निशा तिर्की (Nisha Tirkey) ने बताया कि 25 पीड़ित और पीड़िताओं के बीच राशि भुगतान की स्वीकृति मिली है। स्वीकृत राशि लाभुकों के बीच शीघ्र भुगतान की जायेगी।
उपायुक्त ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (Scheduled Castes and Scheduled Tribes) के लोगों पर अत्याचार और भेदभाव को रोकने के मकसद से अधिनियम बनाया गया।
इसके लिए ऐसे मामलों में FIR दायर करना अनिवार्य होता है, क्योंकि, न्याय और राहत की प्रक्रिया पुलिस स्टेशन में अपराध का पंजीकरण करने के साथ ही शुरू होती है।
बैठक में उपायुक्त के अलावा अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह, डॉ एमपी सिंह, जिला कल्याण पदाधिकारी, सदर SDO राजेश कुमार साह, DSP सुरजीत कुमार समेत विधायक प्रतिनिधि उपस्थित थे।