पटना: भारतीय जानता पार्टी (BJP) और जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के गठबंधन पर आशंकाओं के बादल मंडराने लगे हैं , क्योंकि JDU के शीर्ष नेताओं ने कहा है कि Party का मकसद राज्य में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में वापसी करना है।
बताया जाता है कि JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने कुछ Media संस्थानों से कुछ दिनों पहले कहा था कि उनकी पार्टी राज्य की सबसे बड़ी Party होने के दर्जे को फिर से पाने की दिशा में कार्यरत है।
उन्होंने कहा था कि पार्टी वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में मिली हार को पीछे छोड़ देगी, जिसकी वजह उन्होंने एक ‘साजिश’ को बताया।
सीट संख्या पांच साल पहले के 71 से घटकर 43 रह गई
तब चिराग पासवान की ‘लोक जनशक्ति पार्टी’ ने JDU के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिनमें से कई भाजपा के बागी थे, और CM Nitish की पार्टी की सीट संख्या पांच साल पहले के 71 से घटकर 43 रह गई थी।
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (RJD Spoke Person Mrityunjay Tiwari) ने कहा, “राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में अंदरखाने बड़ी मुसीबत उभर रही है। उसकी नाव उस बाढ़ में डूब जाएगी जो बरसात के मौसम में आती है।”
नीतीश कुमार BJP के ‘हिंदुत्व एजेंडे’ के साथ खड़े
तिवारी का मानना है कि अपनी समाजवादी पृष्ठभूमि के कारण नीतीश कुमार BJP के ‘हिंदुत्व एजेंडे’ के साथ खड़े होने में सक्षम नहीं होंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या JDU और राजद के बीच फिर से समायोजन की संभावना है, जिन्होंने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनावों से पहले हाथ मिला लिया था। हालांकि दो साल बाद दोनों अलग हो गए थे।
Tejashwi Yadav में नई उम्मीद देख रहे है
इस पर RJD प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि Bihar को समाजवादी सरकार की जरूरत है, और इसे यह जल्द ही मिलेगी।
लोग तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) में नई उम्मीद देख रहे हैं। यह कहना जल्दबाजी होगी कि ऐसी सरकार की संरचना कैसी होगी।”
माना जाता है कि ललन ने BJP के हालिया दावे के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की थी।
BJP की ओर से कहा गया था कि वह वर्ष 2024 के Lok Sabha Elections और एक साल बाद होने वाले Bihar विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रही है, जिसे CM Nitish Kumar के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
भगवा पार्टी के दबंग रुख के कारण खटास
जाहिर तौर पर BJP ने यह बयान JDU को शांत करने के उद्देश्य से दिया था, जिसके मन में भगवा पार्टी के दबंग रुख के कारण खटास आ गई है।
फिलहाल भाजपा (BJP) अभी अपने सबसे पुराने सहयोगी के साथ विवाद में पड़ने के मूड में नहीं दिख रही है।
राज्य BJP प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, “हमारे संबंध नीतीश कुमार के साथ रहे हैं और ये वर्ष 1996 से हैं, जब उनकी Party को समता पार्टी कहा जाता था। उनकी पार्टी के अन्य लोग क्या कहते हैं, हम उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते।’’
उन्होंने कहा कि BJP ने हमेशा नीतीश कुमार को Bihar में राजग का नेता माना है।