रांची: दिल्ली राष्ट्रपति भवन (Delhi Rashtrapati Bhavan) में आयोजित समारोह में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू उच्च विद्यालय, कदमा की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर उपायुक्त विजया जाधव ने इसे जिले के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए शिक्षिका शिप्रा मिश्रा को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि शिप्रा मिश्रा में राष्ट्रीय स्तर (National level in Shipra Mishra) पर जिला का मान बढ़ाया है। पूरे जिला को उन्होंने गौरवान्वित किया है।
कभी डब्बा स्कूल (Dabba School) के नाम से चर्चित रहा टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय (Tata Workers Union High School) कदमा अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।
ऐसा संभव हो पाया है, वहां कार्यरत शिक्षिका शिप्रा मिश्रा की बदौलत। उनके पढ़ाने के तरीके ने इस स्कूल को राष्ट्रीय फलक तक पहुंचाया। उनके पढ़ाने के ढंग को लेकर उन्हें को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ऐसे पढ़ाई को बनाया रोचक
शिप्रा मिश्रा के मुताबिक उन्होंने इनोवेटिव, क्रिएटिव तरीके से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। विज्ञान जैसे कठिन विषय को उन्होंने बच्चों के लिए खेल का विषय बना दिया।
गणित के ज्यामिती के जटिल चैप्टर को बागवानी और पेड़ों की घेराबंदी कर आसान बना दिया। यूज्ड प्लास्टिक बोतल (Used Plastic Bottle) से स्कूल प्रांगण में स्थित बागवानी की चहारदीवारी बना दी। उनकी इसी अलग सोच, इनोवेटिव Idea ने इस मुकाम तक पहुंचा दिया है।
पेड़ों का क्यूआर कोड बनाया
विज्ञान को अलग नजरिये से देखने और समझने वाली शिप्रा मिश्रा ने Digital Platform का बखूबी इस्तेमाल किया। बच्चों को मोबाइल का सदुपयोग सिखाया।
उन्होंने प्रकृति और विज्ञान को समायोजित करने का काम किया। शिप्रा मिश्रा ने बताया कि वे देखती थीं कि लोग स्कैन कोड, बार कोड, क्यूआर कोड का उपयोग केवल पेमेंट के लिए करते हैं, जबकि इसके व्यापक आयाम हैं।
शिप्रा ने अपने स्कूल में लगे पेड़-पौधों के रहस्य को क्यूआर कोड में तब्दील कर दिया। उन्होंने सभी पेड़ों की विस्तृत जानकारी का एक QR Code बना दिया।
अब कोई भी बच्चा उस QR Code को स्कैन करके पेड़ के बारे में पूरी जानकारी, रहस्य, गुण, प्रजाति, कहां पाया जाता है, जैसी संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकता है।
इसी तरह उन्होंने ज्यामिती के अलग-अलग आकार जैसे त्रिभुज, चतुर्भुज, षटकोण, वृत्त को रोचक बनाने के लिए अलग-अलग आकृति बगान में बनवायी। उनका भी क्यूआर कोड बना दिया।
इस अवसर पर शिक्षिका शिप्रा मिश्रा (Teacher Shipra Mishra) द्वारा किए गए नवाचार एवं स्कूल के शैक्षणिक विकास में उनके योगदान से संबंधी एक Video भी विज्ञान भवन में प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया एवं जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी ने भी शिक्षिका शिप्रा मिश्रा की इस उपलब्धि पर बधाई एवं शुभकामनायें दीं।
शिक्षिका शिप्रा मिश्रा का प्रोफाइल
नाम : शिप्रा मिश्रा
प्राथमिक शिक्षा : कक्षा एक से छह तक सिवान के प्राथमिक विद्यालय से
दसवीं तक शिक्षा : नवोदय विद्यालय कटिहार से
स्नातक : रांची वीमेंस कालेज (केमेस्ट्री ऑनर्स)
एमएससी : रांची यूनिवर्सिटी
बीएड : रांची वीमेंस कॉलेज
शिप्रा मिश्रा ने जमशेदपुर के बेल्डीह चर्च स्कूल से अपना शैक्षणिक कैरियर शुरू किया। उसने विज्ञान शिक्षिका के रूप में वर्ष 2009 में योगदान दिया।
इसके छह माह बाद ही जेपीएससी द्वारा शिक्षक नियुक्त का Results आ गया। इसमें वे सफल हुई। इसके बाद उनकी पहली Posting वर्ष 2010 में जमशेदपुर हाईस्कूल बिष्टुपुर में विज्ञान शिक्षिका के रूप में किया।
उसके बाद वर्ष 2016 में उनका ट्रांसफर टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय, कदमा में किया गया। यहां ड्रॉप आउट बच्चों को जहां स्कूल तक लाया। वहीं स्कूल में आने के बाद उन्हें रोचक अंदाज में विज्ञान की बारीकियों को सिखाया।
शिप्रा मिश्रा को अब तक मिले अवार्ड
– रोटरी क्लब की ओर से वर्ष 2017 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान
– इनर व्हील क्लब की ओर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान
– वर्ष 2019 में राज्य स्तर का शिक्षक पुरस्कार
– 2020 में NML द्वारा बेस्ट साइंस टीचर्स अवार्ड