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राजनाथ सिंह ने ‘एयरो इंडिया’ के लिए रक्षा और एयरोस्पेस कंपनियों को दिया न्योता

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नई दिल्ली: रक्षा मंत्री (Defense Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ (Aero India) में भाग लेने के लिए दुनिया भर के प्रतिनिधियों को न्योता दिया है।

उन्होंने सोमवार को नई दिल्ली (New Delhi) में विदेशी दूतों (Foreign Envoys) को ‘एयरो इंडिया’ के 14वें संस्करण के बारे में जानकारी दी।

बेंगलुरु में 13-17 फरवरी के बीच होने वाले वैश्विक एयरो शो में रक्षा और एयरोस्पेस कंपनियों (Aerospace Companies) को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।

रक्षा मंत्री आज Aero India के लिए राजदूतों के गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की। रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग की ओर से आयोजित रीच-आउट कार्यक्रम में 80 से अधिक देशों के राजदूतों और रक्षा अताशे ने भाग लिया।

रक्षा मंत्री ने एयरो इंडिया को प्रमुख वैश्विक विमानन व्यापार मेला बताते हुए कहा कि यहां एयरोस्पेस उद्योग सहित भारतीय विमानन-रक्षा उद्योग को अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा।

पांच दिवसीय शो में भारतीय वायु सेना के हवाई प्रदर्शन के साथ-साथ प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा व्यापार प्रदर्शनी का तालमेल देखने को मिलेगा।

रक्षा मंत्री ने एशिया के सबसे बड़े हथियार मेले में दुनिया भर के प्रतिनिधियों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने रक्षा और एयरोस्पेस कंपनियों को वैश्विक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।

इसमें रक्षा और एयरोस्पेस के प्रमुख उद्यमियों और निवेशकों के अलावा दुनिया भर के प्रमुख रक्षा थिंक-टैंक और रक्षा से संबंधित निकायों की भागीदारी देखी जाएगी।

उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया वास्तव में विमानन उद्योग में सूचनाओं, विचारों और नए तकनीकी विकास के आदान-प्रदान के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।

हल्के हेलीकॉप्टर का निर्माण भी हो गया शुरू

राजनाथ सिंह ने भारत के बढ़ते रक्षा उद्योग के बारे में कहा कि विशेष रूप से ड्रोन, साइबर-टेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रडार आदि के उभरते क्षेत्रों में निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसी कारण हाल के वर्षों में भारत एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है। पिछले पांच वर्षों में रक्षा निर्यात आठ गुना बढ़ा है और अब भारत 75 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र इसके लिए अच्छी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने घरेलू स्तर पर हल्के लड़ाकू विमान का उत्पादन किया है और हल्के हेलीकॉप्टर का निर्माण भी शुरू हो गया है।

एशिया की सबसे बड़ी विमानन प्रदर्शनी के तौर पर देखे जाने वाले आगामी Aero India के बारे में राजदूतों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंध मानवीय समानता और गरिमा के मूल तत्व द्वारा निर्देशित हैं।

सिंह ने कहा कि जब हम किसी राष्ट्र के साथ साझेदारी करते हैं तो यह संप्रभु समानता और आपसी सम्मान के आधार पर होता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता की पहल अपने सहयोगी देशों के साथ साझेदारी के नए प्रतिमान की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि Make in India की दिशा में हमारे राष्ट्रीय प्रयास न तो खुद को अलग-थलग करने वाले हैं और न ही वे अकेले भारत के लिए हैं।

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