रांची: 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पंकज यादव के रिश्तेदारों पर रविवार को फर्जी एसटी-एससी केस दर्ज कराया गया है।
केस दर्ज होने के पांच घंटे के अंदर पुलिस उनके रिश्तेदारों को धड़पकड़ की कोशिश तेज कर दी है।
उल्लेखनीय है कि पंकज यादव ने पहले ही इस बात की आशंका पहले ही जताई थी कि सरकार से जुड़े लोग उनको या उनके परिवार को कभी भी झूठे एसटी-एससी केस में फंसा सकते हैं।
जानमाल की क्षति भी पहुंचा सकते हैं। इसको लेकर वो पहले ही झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर चुके हैं।
पंकज यादव ने पत्रकारों को बताया कि गढ़वा झामुमो के युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सह बीससूत्री उपाध्यक्ष नितेश सिंह के समर्थकों ने मामला दर्ज कराया है।
मामला उनके ममेरे भाई पर दर्ज कराया गया है। मामला चिनिया थानांतर्गत सिगसीगा गांव में भुइयां समाज के लोगों के साथ मारपीट और बीच-बचाव के लिए दर्ज कराया गया है।
मेरे भाई के साथ मारपीट की गई है। यह कहते हुए मामला दर्ज कराया गया है कि तुम लोग हेमंत सरकार के विरोधी हो और पंकज यादव के रिश्तेदार हो, सबको सबक सिखाएंगे।
पंकज यादव ने बताया कि रंका डीएसपी सुदर्शन कुमार आस्तिक, रंका थाना प्रभारी रामेश्वर उपाध्याय दल बल के साथ रात में बिना महिला पुलिस लिए घर में सर्च किया।
मेरे रिश्तेदारों को जेल में डालने का दबाव प्रशासन पर हो रहा है। मंत्री मिथलेश ठाकुर के दबाव में प्रशासन नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। पंकज यादव ने कहा कि बंधु तिर्की की प्रेस कांफ्रेंस की धमकी सही साबित हो रही है।
पहले ही याचिकाकर्ता हाई कोर्ट में सुरक्षा की लगा चुके हैं गुहार
उल्लेखनीय है कि गत 13 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर प्रार्थी पंकज यादव ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के खिलाफ क्रिमिनल रिट दाखिल की थी।
याचिकाकर्ता पंकज यादव ने अपनी याचिका में कहा कि 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले की जांच सीबीआई को जाते ही आरोपी बंधु तिर्की ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इसमें याचिकाकर्ता को एसटी-एससी कोर्ट में घसीटने की बात कही थी।
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता बंधु तिर्की ने गत दिनों पत्रकारों से बातचीत में सीबीआई और याचिकाकर्ता पर आरोप लगाया था। इसमें उन्होंने कहा था कि झूठे केस में उन्हें घसीटा गया है।
सीबीआई जांच का आदेश
झारखंड हाई कोर्ट ने 11 अप्रैल को 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला और होटवार स्पॉर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्माण की सीबीआई जांच का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने विजिलेंस केस (49/2010) को सीबीआई को हैंडओवर करने का निर्देश दिया है। अब तक इस मामले की जांच एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) कर रही थी। अब इस मामले की जांच सीबीआई करेगी।
28.38 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप
34वें राष्ट्रीय खेल में 28 करोड़ 38 लाख रुपये के घोटाले का आरोप है। इस मामले में एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
इसमें एनजीओसी के कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद, एसएम हाशमी, पीसी मिश्रा समेत अन्य को नामजद आरोपी बनाया गया था।
तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की, सुदेश महतो सहित कई अधिकारी भी सीबीआई जांच के दायरे में आयेंगे।