मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को डिजिटल ऋण (Digital Loan) देने के लिए सख्त मानदंड जारी किए।
इसके तहत केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल LOAN सीधे कर्ज लेने वालों के Bank खातों में जमा किया जाना चाहिए, न कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से।
RBI ने डिजिटल कर्ज के क्षेत्र में बढ़ती गड़बड़ी को रोकने के लिए ये सख्त मानदंड तैयार किए हैं।
LOAN सेवा प्रदाताओं को देय शुल्क
इसके अलावा RBI ने कहा कि क्रेडिट मध्यस्थता प्रक्रिया में ऋण सेवा प्रदाताओं (LSP) को देय शुल्क का भुगतान कर्ज लेने वालों को नहीं, बल्कि Digital Loan देने वाली संस्थाओं को करना चाहिए।
RBI ने डिजिटल उधार के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करते हुए मुख्य रूप से तीसरे पक्ष के बेलगाम जुड़ाव, गलत बिक्री, Data गोपनीयता का उल्लंघन, अनुचित व्यावसायिक आचरण, अत्यधिक ब्याज दरों और अनैतिक वसूली प्रथाओं से संबंधित चिंताओं का उल्लेख किया।
डिजिटल उधार’ पर एक कार्य समूह का गठन
RBI ने 13 जनवरी 2021 को ‘ऑनलाइन मंच और मोबाइल ऐप्लिकेशन के जरिए ऋण देने सहित डिजिटल उधार’ (WGDL) पर एक कार्य समूह का गठन किया था।
केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि नियामक चिंताओं को कम करते हुए Digital Loan विधियों के जरिए कर्ज देने के व्यवस्थित वृद्धि का समर्थन करने के लिए नियामक ढांचे को मजबूत किया गया है।
यह नियामक ढांचा इस सिद्धांत पर आधारित है कि उधार देने का व्यवसाय सिर्फ ऐसी संस्थाओं द्वारा किया जाए, जो या तो रिजर्व Bank द्वारा विनियमित हैं या जिन्हें किसी अन्य कानून (Act) के तहत ऐसा करने की अनुमति मिली है।