नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple of Puri) में कथित अवैध अतिक्रमण और निर्माण के खिलाफ दायर याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने दो याचिकाकर्ताओं पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
कोर्ट ने कहा कि मंदिर के पास टॉयलेट का निर्माण जनहित में है। इससे श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी। इसके खिलाफ जनहित याचिका दाखिल नहीं होनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि मंदिर के पास टॉयलेट का निर्माण जनहित में
2 जून को जस्टिस बीआर गवई (Justice BR Gavai) और जस्टिस सीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा था कि ओडिशा सरकार जगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ अनधिकृत रूप से निर्माण कार्य कराकर अतिक्रमण कर रही है।
ओडिशा सरकार ने एंशियंट मॉनुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रिमेंस एक्ट की धारा 20 (Section 20 of the Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act) का उल्लंघन किया है। इस कानून के तहत 100 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है।