लखनऊ: रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजों से उत्साहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रविवार को कहा कि इन परिणामों के जरिये जनता ने वर्ष 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ‘दूरगामी संदेश’ दे दिया है।
योगी ने रामपुर लोकसभा (Rampur Lok Sabha) उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कि 42 हजार से अधिक मतों से जीत और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के जीत की दहलीज पर पहुंचने के बाद संवाददाताओं से बातचीत की।
योगी ने कहा “जनता ने इस विजयश्री के माध्यम से उत्तर प्रदेश में 2024 की विजयश्री के लिए दूरगामी संदेश भी दिया है।
आज की विजय ने यह संदेश बहुत स्पष्ट रूप से सभी के सामने प्रस्तुत किया है कि वर्ष 2024 में भाजपा उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सभी 80 सीट पर विजय हासलि करने की ओर अग्रसर हो रही है।”
उन्होंने कहा कि इसके पहले उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में दो तिहाई से अधिक सीट जीतने के बाद भाजपा ने विधान परिषद के चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सभी सीट पर जीत हासिल की।
योगी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की नीतियों और भाजपा की ‘सबका साथ, सबका विकास, सब का प्रयास तथा सबका विश्वास’ की घोषित नीति पर जनता की मुहर का प्रतीक है।
आसिम राजा को 42,192 मतों से हराकर यह सीट सपा से छीन ली
आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उपचुनाव नतीजों के जरिए जनता ने एक बार फिर से प्रदेश की दम्भी, नकारात्मक सोच और अपनी विध्वंसात्मक गतिविधियों के लिए कुख्यात परिवारवादी ताकतों को एक बार फिर यह संदेश दे दिया है।
योगी ने कहा कि जनता ने संदेश दिया है कि अब वह परिवारवादियों, जातिवादियों, सांप्रदायिक उन्माद को भड़काने वाले पेशेवर माफिया और आपराधिक प्रवृत्ति के तत्वों को पनाह देने वाले राजनीतिक दलों को किसी भी प्रकार से स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी (Ghanshyam Singh Lodhi) ने सपा के उम्मीदवार आसिम राजा को 42,192 मतों से हराकर यह सीट सपा से छीन ली।
वहीं, आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव से 8,595 हजार से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं।
यह सीट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के कारण रिक्त हुई है।