जकार्ता: इंडोनेशिया (Indonesia) के मालुकु प्रांत (Maluku Province) में मंगलवार को रिक्टर पैमाने पर 7.5 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) आया, जिसके बाद अधिकारियों ने सुनामी की चेतावनी जारी की है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ (Xinhua) ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि भूकंप दोपहर 12.47 बजे आया, जिसका केंद्र मालुकु तेंगारा बारात (केपुलुआन तनिम्बर) जिले से 148 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित था और समुद्र तल के नीचे 131 किमी की गहराई में था।
भूकंप के बाद कमजोर से मध्यम स्तर के तीन झटके महसूस किए गए
भूकंप के झटके आसपास के कई प्रांतों में भी महसूस किए गए। अधिकारियों के अनुसार, भूकंप के बाद कमजोर से मध्यम स्तर के तीन झटके महसूस किए गए।
एक आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि एहतियात के तौर पर करीब 2,000 लोगों को संभावित सुनामी (Tsunami) के डर से ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।

सुनामी की चेतावनी मालुकु और सुलावेसी प्रांत में जारी की गई
सुनामी की चेतावनी मालुकु और निकटवर्ती दक्षिण पूर्व सुलावेसी प्रांत (Sulawesi Province) के लिए जारी की गई है। इस बीच, अधिकारियों ने पुष्टि की है कि भूकंप के चलते कई घर और इमारतें नष्ट हो गईं।
एक अन्य आपदा प्रबंधन अधिकारी (Disaster Management Officer) ने शिन्हुआ को बताया कि भूकंप के सटीक प्रभाव का पता लगाने के लिए आकलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक किसी के घायल होने या मरने की कोई प्रारंभिक रिपोर्ट (Preliminary Report) नहीं है। अधिकारी ने कहा, सुनामी की आशंका को देखते हुए हमने कई बार ड्रिल की है।
आखिरी बार इंडोनेशिया 2004 में भूकंप और सूनामी की चपेट में आया था
इसलिए जब भूकंप आया, तो निवासी तटीय इलाकों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर चले गए। आखिरी बार इंडोनेशिया 2004 में हिंद महासागर में आए Earthquake और सूनामी की चपेट में आया था।
26 दिसंबर 2004 को, इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा के पश्चिमी तट पर रिक्टर पैमाने पर 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था।
100 फीट ऊंची लहरों के साथ, सुनामी ने हिंद महासागर के आसपास के तटों को तबाह कर दिया, रिकॉर्ड किए गए इतिहास में सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक में 14 देशों में अनुमानित 227,898 लोग मारे गए।
इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा 130,736 लोगों की मौत हुई थी।