बेंगलुरु: कर्नाटक में हिजाब विवाद के कारण लगभग एक हफ्ते तक बंद रहने के बाद उच्च विद्यालय सोमवार को फिर से खुल गए हैं।
इस दौरान उडुपी (जहां पिछले हफ्ते हिजाब विवाद को लेकर हिंसा और तनाव दिखा था), दक्षिण कन्नड़ तथा बेंगलुरु के संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू रही।
इन तीन जिलों के संवेदनशील इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की गई है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि उडुपी जिले में खुले सभी स्कूलों में सामान्य उपस्थिति दर्ज की गई।
इस दौरान जो मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर स्कूल आईं, उन्होंने कक्षा में प्रवेश करने से पहले उन्हें उतार दिया।
जिला प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए सोमवार से 19 फरवरी तक जिले के सभी हाईस्कूलों के 200 मीटर के दायरे में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है।
कुछ स्कूलों का दौरा करने वाले उडुपी के तहसीलदार प्रदीप कुरुदेकर ने कहा कि मुस्लिम छात्राओं ने कक्षाओं में प्रवेश करने से पहले हिजाब हटाकर उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का पालन किया। उन्होंने कहा कि भगवा शॉल में हिंदू छात्राओं के आने की कोई रिपोर्ट नहीं थी।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए उडुपी शहर और स्कूलों के पास पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
इस बीच, उडुपी पेजावर मठ के प्रमुख स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने सभी वर्गों से अराजकता से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की।
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि कोप्पल और कलबुर्गी जिलों के कुछ सरकारी स्कूलों में छात्राएं कक्षा में हिजाब और बुर्का पहने दिखीं।
हालांकि, बाद में मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने छात्राओं से इसे हटाने को कहा। शिवमोगा में कुछ छात्राओं ने जोर देकर कहा उन्हें बुर्का पहनकर स्कूलों के अंदर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें स्कूल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इसे लेकर शिक्षकों और छात्राओं के बीच कहासुनी हुई।
स्कूलों को फिर से खोलने से पहले रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विश्वास जताया था कि शांति और सामान्य स्थिति कायम रहेगी।
उन्होंने यह भी कहा था कि प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों को फिर से खोलने के संबंध में स्थिति का आकलन करने के बाद फैसला किया जाएगा।