इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) जरदारी ने गुरुवार को दावा किया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के एक मंत्री ने उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से एक रात पहले मार्शल लॉ लागू करने की धमकी दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है। अविश्वास प्रस्ताव के जरिए ही एकजुट विपक्ष ने खान को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था और उसके बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार ने कामकाज संभाला है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल असेंबली को अपने संबोधन में जरदारी ने कहा कि पीटीआई (PTI) मंत्री ने उन्हें जल्दी चुनाव स्वीकार कराने पर सहमत होने को कहा था और ऐसा नहीं होने पर धमकी दी थी कि देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया जाएगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को निष्क्रिय करने की पीटीआई की बार-बार कोशिशों के बावजूद उनका प्रयास नाकाम रहा और आखिरकार अविश्वास प्रस्ताव इमरान खान को बाहर करने में सफल रहा।
जरदारी ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले और उसके बाद की घटनाओं की जांच की भी मांग की
पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया था और इसे 3 अप्रैल को खारिज कर दिया था। इसके बाद, खान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को असेंबली भंग करने की सलाह दी थी, जिसका उन्होंने पालन किया।
लेकिन तत्कालीन विपक्ष ने सरकार के इस कदम को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। जियो न्यूज ने बताया कि शीर्ष अदालत ने 7 अप्रैल को असेंबली को भंग करने के सरकार के फैसले और सूरी की ओर से संविधान के खिलाफ लिए गए फैसले पर कड़ा रुख अपनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने को कहा था, लेकिन खान ने स्पीकर से सत्र को आगे बढ़ाने के लिए कहा था। लेकिन आधी रात के करीब, अध्यक्ष ने पद से इस्तीफा दे दिया।
पैनल के वरिष्ठ सदस्य होने के नाते, पीएमएल-एन एमएनए अयाज सादिक ने एक सत्र की अध्यक्षता की और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया गया, जिसके कारण अंतत: खान को सत्ता से बाहर कर दिया गया। ..