रांची: झारखंड की एथलीट सुप्रीति कच्छप (Athlete Supriti Kachhap) राष्ट्रीय स्तर पर 13 मेडल जीत कर कई रिकार्ड अपने नाम कर चुकी हैं।
फिलहाल वह पटियाला के स्पोर्ट्स एकेडमी (Sports Academy) में कोलंबिया में होने वाली इंटरनेशनल प्रतियोगिता की तैयारी में जुटी है।
उसका परिवार गरीबी से जूझ रहा है। ऐसे में अदाणी फाउंडेशन ने उसके परिवार को 50 हजार रुपये की मदद की है।
अदाणी समूह ने दी बधाई
अदाणी फाउंडेशन (Adani Foundation) की अध्यक्ष डॉ. प्रीति अदाणी ने सुप्रीति को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “मुझे गर्व है कि ग्रामीण भारत की हमारी लड़कियां वैश्विक स्तर पर खेलों में अपनी चमक बिखेर रही हैं।
मैं कोलंबिया में आयोजित होने जा रही विश्व एथलेटिक्स अंडर 20 चैंपियनशिप (World Athletics Under 20 Championships) के लिए सुप्रीति को शुभकामनाएं देती हूं।”
कौन है सुप्रीति कच्छप
सुप्रीति कच्छप झारखंड के जिला गुमला की रहने वाली है। 19 साल की सुप्रीति एथलीट है और अब तक कुल 14 नेशनल टूर्नामेंट जीत चुकी है।
हाल ही में पंचकूला में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स (Khelo India Youth Games) में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही सुप्रीति ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Athletics Federation of India) का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराया है।
सुप्रीति ने 3000 मीटर लंबी दौड़ को महज 9 मिनट 46.14 सेकेंड्स में पूरा किया है। सुप्रीति अब अंडर-20 विश्वकप (2-7 अगस्त) खेलने कोलंबिया जा रही हैं। वहां वह 5000 मीटर रेस में हिस्सा लेंगी।
सुप्रीति का जीवन परिचय
झारखंड के गुमला में जन्मी सुप्रीति के पिता का नाम रामसेवक ओरांव था और माता का नाम बालमती है। रामसेवक वैद्य का काम करते थे।
वह आसपास के गांवों में जाकर मरीजों को देखते थे। साल 2003 में दिसंबर की रात रामसेवक घर नहीं लौटे।
बालमती समेत पांच बच्चे मां पिता की वापसी का इंतजार करते रहे लेकिन अगले दिन सुबह रामसेवक और कुछ ग्रामीणों का शव मिला।
नक्सलियों ने उनको गोलियों से छलनी करके पेड़ से टांग दिया। पिता के निधन के समय सुप्रीति बहुत छोटी थीं। मां ने ही सभी बच्चों को पाला।
बालमती देवी को घाघरा ब्लॉक के बीडीओ ऑफिस में नौकरी मिल गई। सरकारी क्वार्टर में बच्चों के साथ रहने के लिए आसरा भी मिल गया। यहां से सुप्रीति ने दौड़ना शुरू किया।
सुप्रीति का दौड़ में करियर
इंटर स्कूल प्रतियोगिता में सुप्रीति की मुलाकात कोच प्रभात रंजन तिवारी से हुई। उन्होंने सुप्रीति को प्रशिक्षण देना शुरू किया और साल 2015 में सुप्रीति झारखंड स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर (Jharkhand Sports Training Center) में ट्रेनिंग शुरू की।
इस दौरान इसने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर और फिर 3000 मीटर की दौड़ में कई कीर्तिमान भी स्थापित किया।
नेशनल मेडल से शुरू हुई प्रसिद्धि की कहानी
साल 2019 में सुप्रीति की मेहनत का फल उस समय मिला जब उसने पहला नेशनल मेडल जीता। फिर नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप (National Junior Athletics Championship) में कांस्य जीता।
सुप्रीति ने साल 2021 में गुवाहाटी में आयोजित नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 3000 मीटर रेस को रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया। सुप्रीति को विश्वास है कि आगामी वर्ल्ड कप प्रतियोगिता (World Cup Competition) में वह नये कीर्तिमान गढ़ने जा रही है।