रांची: झारखंड विधानसभा के Monsoon session के 5th दिन गुरुवार को भी हंगामा जारी रहा।
दीपिका पांडे सिंह (Deepika Pandey Singh) ने अल्प सूचित सवाल किया कि State में उचित सिंचाई सुविधा के अभाव में पिछले 10 वर्षों (10 Years)में पांच बार सुखाड़ की नौबत आई है।
सरकार (Govt.) यदि नेहरू और इंदिरा गांधी (Nehru and Indira Gandhi) के जमाने की सिंचाई योजनाओं को रिपेयर करती रहती, तो कभी सुखाड़ की नौबत नहीं आती। अभी मात्र 27 % भूमि ही सिंचित है।
41 फीसदी भूमि सिंचित है, तो अकाल कैसा
इसके जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर (Mithilesh Thakur) ने बताया कि वृहद और मध्यम सिंचाई योजनाओं के जरिए 3.85 लाख हेक्टेयर और चतुर्थ लघु सिंचाई गणना (Calculation) के अनुसार लघु सिंचाई प्रक्षेत्र में 6.19 लाख यानी कुल 10.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्रों में सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया है।
इस पर प्रदीप यादव (Pradeep Yadav) ने कहा कि Government का दावा कागजी है। अगर 41 फीसदी भूमि सिंचित है, तो अकाल कैसा।
इसपर सदन के अंदर सरकार की ओर से कहा गया कि Jharkhand में 41.44 % सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है।
मंत्री Mithilesh Thakur ने कहा कि राज्य में वृहद और माध्यम सिंचाई प्रक्षेत्र अंतर्गत 25 योजनाओं (Plans) का निर्माण विभिन्न चरणों में कार्यान्वित हो रहा है। इन योजनाओं के पूरा होने पर 5.35 लाख हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई क्षमता सृजित हो सकेगी।