नई दिल्ली: बिहार (Bihar) की राजनीति में सियासी हलचल धीमी नहीं हुई है। समीकरण बदलने के साथ ही एक-एक दिन अहम हो गया है।
Cabinet विस्तार पर अटकलों के बीच विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का सियासी दांव महागठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ाता दिख रहा है।
हालांकि, सत्तारूढ़ दलों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन विधानसभा सत्र (Assembly Session) के लिए 24 अगस्त तक का इंतजार भारी पड़ सकता है।
सिन्हा का पद से जाना लगभग तय है
Government बदलने के साथ ही अध्यक्ष के इस्तीफा देने की संभावनाएं ज्यादा होती है, लेकिन सिन्हा के मामले में ऐसा नहीं है। उन्होंने पद छोड़ने से मना कर दिया है।
अब उनके इस कदम के बाद महागठबंधन ने भी Speaker के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए Notice विधानसभा सचिव को दे दिया। हालांकि, आंकड़े महागठबंधन के पक्ष में हैं और ऐसे में सिन्हा का पद से जाना लगभग तय है।
राज्य के CM Nitish Kumar और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शपथ लेने के बाद दो मंत्रियों की कैबिनेट की बैठक बुलाई। फैसला किया गया कि विश्वास मत हासिल करने के लिए 24 अगस्त को सत्र बुलाया जाएगा।
अब सवाल है कि जब महागठबंधन के साथ 164 विधायकों (164-MLAs)का समर्थन है, तो विश्वास मत के लिए एक पखवाड़ा क्यों लग रहा है? इस नोटिस के चलते ही महागठबंधन को 15 दिनों का इंतजार करना पड़ेगा।
सत्र शुरू होने पर यह सबसे पहला Agenda होगा
दरअसल, पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी (President Vijay Kumar Choudhary) कहते हैं कि नियमों के अनुसार, नोटिस को जमा किए जाने के 14 दिन बाद ही उस पर चर्चा हो सकती है और सत्र शुरू होने पर यह सबसे पहला Agenda होगा।
उन्होंने कहा, ‘मुझे भी पता चला है कि महागठबंधन ने अविश्वास नोटिस दिया है। ऐसे में 14 दिनों का समय 23 अगस्त को खत्म हो रहा है और सत्र 24 अगस्त को होगा।
उन्होंने बताया, ‘उस दिन सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर नोटिस पर चर्चा सबसे पहले की जाएगी। जब अविश्वास प्रस्ताव लिया जाता है, तो स्पीकर खुद अध्यक्षता नहीं कर सकता।
ऐसे में डिप्टी स्पीकर (Deputy Speaker) काम संभालेंगे।’ विधानसभा में JDU नेता महेश्वर हजारी डिप्टी स्पीकर हैं।
मंत्रियों के लिए विभाग आवंटित हो गए है
CM Kumar की पार्टी के एक Senior नेता ने कहा कि स्पीकर या BJP विश्वास मत को केवल टाल सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘महागठबंधन एक है।
सब कुछ पहले ही तय हो चुका है। मंत्रियों के लिए विभाग आवंटित हो गए हैं और किस पार्टी को Cabinet में कितनी बर्थ मिलेंगी, इसपर भी चर्चाएं हो चुकी हैं।
लेकिन जहां तक नेताओं की बात है Congress and RJD Delhi में बैठे अपने आलाकमान से विचार विमर्श कर चीजों को अंतिम रूप देंगे।’ उन्होंने कहा, ‘CPI-ML को भी फैसला लेना है। यह कोई मुद्दा नहीं है।