रांची: रांची हिंसा (Ranchi Violence) मामले में सरकार की तरफ से संतोषजनक जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने सरकार के रवैये को लेकर एक बार फिर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
चीफ जस्टिस Dr. रवि रंजन और Justice सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मौखिक रूप से सरकार से सवाल करते हुए कहा है कि आखिर सरकार जांच में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रही है? गौरतलब है कि कोर्ट ने इस मामले को लेकर पिछली सुनवाई के दौरान भी साफ तौर पर यह पूछा था कि जांच के दौरान रांची SSP और थाना प्रभारी को क्यों हटा दिया गया?
CCTV फुटेज के आधार पर जांच क्यों नहीं की जा रही है? SIT से जांच हटाकर CID को क्यों दे दी गई, लेकिन इन बिंदुओं पर सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है।
अदालत ने इन सभी बिंदुओं पर 18 अगस्त तक राज्य के गृह सचिव और DGP को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
NIA ने कहा- उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है यह मामला
मामले की सुनवाई के दौरान NIA की ओर से अदालत में अपना जवाब दाखिल किया गया। NIA की ओर से कहा गया कि उक्त मामले को लेकर उनकी ओर से कोई जांच नहीं की गई है।
यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। जब तक UAPA का मामला नहीं बनता है, NIA जांच नहीं कर सकती है।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने NIA से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मांगी थी। पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार को बताने के लिए कहा था कि इस घटना के पूर्व इंटेलिजेंस का क्या आउटपुट था?
मालूम हो कि इसी साल 10 जून को रांची में हुई हिंसा की NIA जांच को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता पंकज कुमार यादव की तरफ से High Court में याचिका दाखिल की गई है।