Carpal Tunnel Syndrome
Diabetes
अधिक शराब का सेवन
Arthritis
स्ट्रोक के संकेत
बाजू का सुन्न पड़ना व झनझनाहट होना स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं। इसके साथ ही धुंधला दिखना, ढंग से बोल या सोच न पाना व मुंह टेढ़ा होना, स्ट्रोक के लक्षण होते हैं।
टारसल टनल सिंड्रोम
टारसल टनल पैर के भीतरी भाग में टखने की हड्डी के पास होती है। यह समस्या विशेषतौर पर गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) में ज्यादा पायी जाती है। वहीं जिनके पैर का तलवा फ्लैट होता है, उनमें भी इस नस पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे पैर में दर्द, झनझनाहट एवं भारीपन का एहसास होता है।
गर्दन या कमर की नस दबना
गर्दन से बाजू में या फिर कमर से पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन का एक कारण गर्दन या कमर की नस दबना भी हो सकता है। ऐसा चोट लगने, गलत पॉस्टर में उठने-बैठने व गठिया आदि के कारण हो सकता है।
जानें कुछ घरेलू उपाय
गुनगुने पानी से इलाज
सुन्न पड़ गए अंग को थोड़ी देर हल्के गुनगुने पानी में भिंगोये। इसे करीब 5-10 मिनट तक पानी में डालकर रखें। तुरंत राहत मिलेगी।
हल्दी वाले दूध से इलाज
हल्दी-दूध में एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti-Oxidants in Turmeric-Milk) की मात्रा होती है जो ब्लड को बॉडी में सर्कुलेट करने में मदद करती है। जिसके कारण नसों में हमेशा प्रवाह होते रहता है।
दालचीनी
दालचीनी में भारी मात्रा में न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं जो शरीर में बल्ड फ्लो को बढ़ाते हैं। जिससे अंगों के सुन्न होने की संभावना कम हो जाती है। गुनगुने दूध में 1 चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना पीएं। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीबायोटिक गण भी ब्लड सर्कुलेशन सही रखते हैं।
मसाज भी अच्छा उपाय है
शरीर का मसाज आज से नहीं सदियों से लोग करवाते आ रहे हैं। इससे सिर्फ थकान से ही नहीं बल्कि इन छोटी-मोटी कई रोगों से मुक्ति मिलती है। इस तरीके से भी शरीर में रक्त प्रवाह सुचारू ढ़ंग से होता है।
योग करना फायदेमंद
कई ऐसे योग हैं जो रक्त को शरीर में प्रवाह करवाने में मददगार है. इन योगों को नियमित रूप से प्रतिदिन करना लाभकारी हो सकता है।
डाइट सही होना जरूरी
पौष्टिक भोजन हमारे शरीर को कई रोगों से बचाते हैं। ज्यादातर अंग के सुन्न होने की समस्या विटामिन बी व डी कम्पलैक्स, मैग्नीशियम, रिच प्रोटीन, आयरन (Vitamin B and D Complex, Magnesium, Rich Protein, Iron) के कारण होता है। ऐसे में जिन फूड्स में ऐसे तत्व पाएं जाते हैं उसका सेवन करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर मूंगफली, मछली, दालचीनी, लहसुन, डार्क चाकलेट, केला, सोयाबीन (Peanuts, Fish, Cinnamon, Garlic, Dark Chocolate, Banana, Soybean) समेत अन्य आहारों का सेवन कर सकते है। और पानी की मात्रा भी शरीर में सही होना चाहिए।
मैग्नीशियम का करें सेवन
हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे, बीज, ओटमील, पीनट बटर, ठंडे पानी की मछलियां, सोया बीन, अवाकाडो, केला, डार्क चॉकलेट और लो फैट दही आदि खानी चाहिये। आप रोजाना मैग्नीशियम 350 एम जी की सप्पलीमेंट भी ले सकती हैं। पर इस बारे में डॉक्टर से जरुर बात कर लें।