नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू (Rouse Avenue) कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद जैन (Minister Satyend Jain) के खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
ED ने मामले की सुनवाई स्पेशल जज गीताजंलि गोयल की कोर्ट से दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है।
ED की अर्जी पर प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज विनय कुमार गुप्ता ने सत्येंद्र जैन समेत इस मामले के सभी आरोपितों को नोटिस जारी किया।
सुनवाई के दौरान ASG SV राजू ने कहा कि वह जैन की जमानत पर सुनवाई दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित करवाना चाहते हैं। सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर फिलहाल स्पेशल जज गीतांजलि गोयल सुनवाई कर रही हैं।
ED ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए 08 सितंबर को कहा था कि वो अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
ED की ओर से ASG SV Raju ने जैन की ओर से 2018 में इनकम टैक्स (Income tax) को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा था कि जैन ने बकाया आयकर (Income tax) के बीस फीसदी के भुगतान के लिए अंकुश जैन और वैभव जैन की कंपनी और उनके खाते से जमा करने का आवेदन किया था। इससे साफ है कि उस कंपनी का पैसा सत्येंद्र जैन का था।
चार्जशीट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ED को फटकार लगाकर कहा था कि ED
कोर्ट ने 23 अगस्त को सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने 29 जुलाई को ED की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेकर इसी दिन मामले के आरोपित अजीत प्रसाद और सुनील कुमार जैन को अंतरिम जमानत दी थी।
चार्जशीट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ED को फटकार लगाकर कहा था कि ED जिन तीन कंपनियों का नाम ले रही है, उस कंपनी के सत्येंद्र जैन डायरेक्टर ही नहीं हैं तो आपने उन्हें आरोपित कैसे किया।
कोर्ट ने ED से पूछा था कि क्या ED इस तरीके से काम करती है। कोर्ट ने कहा था कि फोटोकॉपी को वैध साक्ष्य नहीं माना जा सकता है।
इस मामले में कई कंपनी के नाम शामिल हैं
ED ने 27 जुलाई को सत्येंद्र जैन समेत छह लोगों और चार कंपनियों को आरोपित किया है। आरोपितों में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, सत्येंद्र जैन के करीबी वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन Developers Private Limited, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड (Private Limited) और जेजे आइडियल नाम कंपनियों के नाम शामिल हैं।
इस मामले में सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन पहले से न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में सत्येंद्र जैन को 30 मई को और वैभव जैन और अंकुश जैन को 01 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था
ED के मुताबिक इस मामले में कैश दिल्ली (Delhi) में दिया गया। ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री ऑपरेटर्स तक पहुंची। ये एंट्री ऑपरेटर्स फर्जी कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे।
इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था। पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया। प्रयास नामक एनजीओ (NGO) के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई।