लंदन: Indian values के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना दोनों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ता को जरूरी रफ्तार देने में मदद करेगा।
इससे पहले भारत और ब्रिटेन के बीच FTA समझौते के लिए समयसीमा दीपावली (Diwali) तक रखी गई थी। लेकिन ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता के बीच यह समयसीमा पार हो चुकी है।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस साल अप्रैल में भारत की यात्रा के दौरान अक्टूबर तक इस समझौते के पूरा करने की समयसीमा तय की थी।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा
वहीं, सुनक ने FTA के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उन्होंने वित्तीय सेवाओं को द्विपक्षीय व्यापार (Bilateral Trade) संबंधों के विशेष रूप से ‘रोमांचक’ पहलू के रूप में चिह्नित किया है और वित्तीय प्रौद्योगिकी तथा बीमा क्षेत्र में दोनों देशों के लिए भारी अवसरों की ओर इशारा किया है।
सुनक ने इससे पहले जुलाई में कहा था, ‘‘मैं इस क्षेत्र और दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका का समर्थन करता हूं। इस दिशा में एफटीए एक बड़ा कदम साबित होगा।’’
ब्रिटेन की राजधानी के वित्तीय केंद्र सिटी ऑफ लंदन कॉरपोरेशन (Center City of London Corporation) ने उम्मीद जताई कि सुनक का वित्तीय सेवाओं पर ध्यान एफटीए को सही दिशा में ले जाएगा।
सिटी ऑफ लंदन कॉरपोरेशन के पॉलिसी चेयरमैन क्रिस हेवर्ड ने कहा, ‘‘भारत के साथ व्यापार करार ब्रिटेन के लिए सबसे महत्वाकांक्षी और व्यावसायिक रूप से सार्थक समझौतों में से एक हो सकता है।’’
विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रिटेन में राजनीतिक स्थिरता अब समझौते के लिए बातचीत को तेज करने में मदद करेगी। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो के वाइस चेयरमैन खालिद खान (Vice Chairman Khalid Khan) ने कहा, ‘‘यह भारत के लिए एक बहुत ही सकारात्मक खबर है। यह घटनाक्रम निश्चित रूप से एफटीए को लेकर बातचीत को जरूरी गति देने में मदद करेगा।’’
हालांकि, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बिस्वजीत धर (Professor Biswajit Dhar) ने कहा कि ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पहले घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करेंगे।
24 अक्टूबर तक बातचीत को पूरा करने का लक्ष्य रखा था
उन्होंने कहा, ‘‘संकट की स्थिति में व्यापार करार नहीं होते। ये तब होते हैं जब अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही होती है।’’
इससे पहले वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल (Commerce Secretary Sunil Barthwal) ने 20 अक्टूबर को कहा था कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है और दोनों पक्षों के जल्द ही एक समझौते पर पहुंचने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।
दीपावली यानी 24 अक्टूबर तक बातचीत को पूरा करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन Britain में राजनितिक अस्थिरता के बीच इस समयसीमा तक बातचीत पूरी नहीं हो सकी।