नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अन्य नियामकों के साथ मिलकर स्कूली शिक्षा बोर्ड के लिए एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम (Financial Literacy Program) बनाया है।
तीन राज्यों को छोड़कर बाकी सभी ने इसे अपने स्कूली पाठ्यक्रम (Syllabus) में स्थान देने पर सहमति जताई है। RBI के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अगर हम स्कूली शिक्षा (School Education) में बुनियादी वित्तीय साक्षरता को समाहित कर पाते हैं तो वह देश में वित्तीय साक्षरता के विस्तार के लिए काफी अच्छा होगा।
शर्मा ने कहा कि इस वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर तीन राज्यों को छोड़कर अन्य ने सहमति दे दी है।
सेवाओं से जुड़े तमाम बिंदुओं पर गौर किया जा रहा है
इस कार्यक्रम को सभी वित्तीय नियामकों के साथ परामर्श के बाद तैयार किया गया है। शर्मा ने कहा कि जब भी पाठ्यक्रम का पुनरीक्षण होगा, स्कूली शिक्षा बोर्ड (Board of School Education) इस साक्षरता कार्यक्रम (literacy program) को शामिल कर लेंगे।
इस पाठ्यक्रम को खासतौर पर छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों (Students) को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
केंद्रीय बैंक बैंकिंग प्रतिनिधि (BC) के समूचे ढांचे की समीक्षा कर रहा है क्योंकि यह व्यवस्था अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं कर पाई है। इस दौरान बीसी की भूमिका और उनकी तरफ से दी जाने वाली सेवाओं से जुड़े तमाम बिंदुओं पर गौर किया जा रहा है।